हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत व अपर मेलाधिाकरी हरबीर सिंह ने श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा पहुंचकर अखाड़े में शासकीय निधि से चल रहे कुम्भ मेले से संबंधित निर्माण कार्यो का जायजा जिया। शनिवार को जूना अखाड़े पहुंचे मेला प्रशासन के अधिकारियों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने श्रीमहंत हरिगिरि महाराज तथा अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेशपुरी से निर्माणाधीन कोठार, भण्डार तथा अन्य निर्माण कार्यो की विस्तृत जानकारी ली। मौके पर चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता, साईट प्लान, मानचित्र आदि को भी परखा। मेलाधिकारी ने विगत दिनों उत्तराखण्ड मंत्रीमण्डल की बैठक में मायादेवी मन्दिर तथा श्री आनंद भैरव मन्दिर के शिखरों की ऊंचाई बढ़ाए जाने के संबंध में पारित प्रस्ताव का शासनादेश भी श्रीमहंत हरिगिरि महाराज को सौंपा तथा उनके व अखाड़े के अन्य साधुओं के साथ मायादेवी मायादेवी मन्दिर व भैरों मन्दिर के शिखरों का भी मुआयना किया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने मेलाधिकारी को मायादेवी मन्दिर के पौराणिक महत्व को बताते हुए कहा कि मायादेवी मन्दिर 51 शक्तिपीठों में से एक सिद्व शक्तिपीठ है। जहां कनखल में राजा दक्ष के यज्ञ विध्वंस के पश्चात शिव वहां से सती का शव लेकर यहां बैठे थे। चंूकि यहां पर वह सती के सर्वांग शरीर के साथ विराजमान हुए थे, इसलिए यह सर्वांग शक्तिपीठ मानी जाती है। उन्होने बताया वर्तमान में इन सिद्वशक्ति पीठों की ऊंचाई 51 फीट है, जिसे क्रमशः 271 फीट तथा 191 फीट किए जाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को दिया गया था। जिसे प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में पारित कर शासनादेश जारी कर दिया है जो आज अखाड़े को प्राप्त हुआ है। अब शीघ्र ही मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी। मेलाधिकारी दीपक रावत ने अखाड़े में चल रहे निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि मायादेवी मन्दिर तथा भैरव मन्दिर की ऊंचाई बढ़ाने का शासनादेश श्रीमहंत हरिगिरि महाराज को सौप दिया गया है। इस शासनादेश में दी गयी औपचारिकताओं को पूरा कर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया जाएगा। इससे पहले जूना अखाड़े पहुचने पर मेलाधिकारी दीपक रावत ने सिद्वपीठ मायादेवी तथा भैरों मन्दिर में पूजा अर्चना की। अखाड़े के वयोवृद्व पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि महाराज को शाल ओढाकर उनसे आर्शीवाद प्राप्त किया तथा कुम्भ मेला 2021 सकुशल, निर्विध्न सम्पन्न होने की कामना की। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज तथा श्रीमहंत महेशपुरी ने मेलाधिकारी को माता की चुनरी व प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर कोठारी महंत लालभारती, थानापति महंत नीलकंठ गिरि, कारोबारी महंत महादेवानंद गिरि, महंत पशुपति गिरि, महंत रणधीर गिरि,महंत राजेन्द्र गिरि, महंत विवेक पुरी, महंत आजाद गिरि आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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