हरिद्वार। हरिसेवा आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द महाराज से मिलने पहुँचे योग गुरु बाबा रामदेव ने आश्रम पहुचकर शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्होने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों की तप स्थली है और रहेगी। महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द महाराज संत महात्माओं की परंपरा को बढ़ाने में अग्रसर हैं। वे लोगों को गो गंगा गीता के प्रति जागरूक कर भारत की युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की और आकर्षित कर सनातन धर्म का संरक्षण संवर्धन करने में जुटे हुए हैं। महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव ने भारत ही नहीं अपितु विश्व में योग और आयुर्वेद के माध्यम से भारत के ऋषि-मुनियों और संतों का नाम ऊंचा किया है। बाबा रामदेव ने भारत को योग मे एक अलग पहचान दिलाने का काम भी किया है। बाबा रामदेव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की सोच को योग व आयुर्वेद के माध्यम से निरंतर आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने लाखों लोगों को स्वदेशी, योग और आयुर्वेद के माध्यम से रोजगार देकर बेरोजगारी से निकाल कर आत्मनिर्भर बनाया है। बाबा रामदेव ऋषि मुनियों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश का नाम रोशन कर रहे है। कुम्भ समय और परिस्थिति पर निर्भर करता है। इस मौके पर महंत केशवानंद भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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