हरिद्वार। कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल ने सोमवार को चंडी घाट, नमामि गंगे घाट, पंतद्वीप पार्किंग, मंसा देवी क्षेत्रों का भ्रमण किया। आइजी ने पार्किंग व्यवस्थाओं के साथ ही श्रद्धालुओं के पैदल आने-जाने वाले मार्गो व गंगा पर बनने वाले अस्थायी पुलों का जायजा भी लिया। इस बात पर भी मंथन किया गया कि स्नान पर्वो के दौरान हरकी पैड़ी के गंगा घाटों पर भीड़ का दबाव किस प्रकार कम किया जा सके। विचार-विमर्श किया गया कि नजीबाबाद, बिजनौर, कुमाऊं की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को किस प्रकार चंडी पुल के नीचे निर्मित नमामि गंगे घाटों पर स्नान कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ताकि हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव कम रहे। आइजी कुंभ संजय गुंज्याल ने पंतद्वीप पार्किंग, हरकी पैड़ी क्षेत्र का मुआयना करते हुए अतिक्रमण व भिखारी मुक्त बनाने के निर्देश अधीनस्थों को दिए। आइजी गुंज्याल ने खुद सीढियों के रास्ते मंसा देवी पहुंचकर श्रद्धालुओं के आने जाने की व्यवस्थाओं को परखा। स्नान पर्व के दौरान व्यवधान रहित आवागमन व्यवस्था बनाने के लिए जूता स्टॉल को निकासी मार्ग पर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मंसा देवी पैदल मार्ग व रोड मार्ग को जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण होना प्रस्तावित है, जिससे श्रद्धालुओं को वापसी में अपने जूते लेने के लिए जूता स्टाल तक पहुंचने में आसानी रहेगी। इसके अतिरिक्त स्नान पर्वों के दौरान जिस समय मंदिर प्रांगण में अत्यधिक भीड़ हो जाएगी, उस समय रोप-वे ट्राली का उपयोग सिर्फ श्रद्धालुओं को वापस भेजने के लिए किया जाएगा। ट्रॉली से मंदिर तक आने की व्यवस्था भीड़ कम होने तक बंद कर दी जाएगी। निरीक्षण के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक संचार मुकेश ठाकुर, अपर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह और मनीषा जोशी, पुलिस उपाधीक्षक प्रकाश देवली और विपिन कुमार, इंस्पेक्टर भावना कैंथोला, इंस्पेक्टर संजय उप्रेती, उपनिरीक्षक मनोज नेगी शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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