हरिद्वार। 21वीं सदी महिलाओं के आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक विकास की परिचायक है। शिक्षित महिला परिवार व समाज को मजबूत करने का कार्य कर रही है। उत्तराखंड प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वेबिनार से उक्त विचार रखें।बुधवार देर शाम को अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के आयोजित विषय,महिला सशक्तिकरण पर गर्वनर बेबीरानी मौर्य व हाईकोर्ट जस्टिस लोकपाल सिंह ने वेबिनार पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। गर्वनर बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय महिला परिवार व समाज की शक्ति रही है। बीते दौर में शिक्षा के अभाव में महिला की भूमिका देशकाल में ज्यादा प्रभावी ढंग से नही रही है। लेकिन वर्तमान सदी पूरी तरह से विश्व पटल व भारतीय व्यवस्था सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक रूप से महिलाओं की साबित हो रही हैं। उन्होंने प्रत्येक महिला से अपनी योग्यता व शिक्षा का इस्तेमाल कर अपने परिवार के साथ साथ देश की उन्नति में पूरा योगदान देने की अपील की। इस दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट जस्टिस लोकपाल सिंह ने बताया कि पहले महिलाओं की न्यायपालिका समेत सभी क्षेत्रों में में बहुत ही कम भूमिका रहती थी।लेकिन वर्तमान स्थिति में महिलाएं न्यायपालिका के साथ ही सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्र विकास कर रही है। जिससे महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आया है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा, कि वर्तमान सदी केवल महिलाओं की है। वेबिनार का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता व परिषद के प्रदेश महामंत्री अनुज कुमार शर्मा ने किया। कार्यक्रम संजय जैन, प्रणव बंसल,अरविंद कुमार श्रीवास्तव, तेजेंद्र गर्ग,अशोक अग्रवाल, कुशलपाल सिंह चैहान,आदेशचन्द चैहान,एसके भामा,राजेश राठौर, राजेन्द्र राजावत, प्रभाकर गुप्ता, नीरज गुप्ता,नितिन गर्ग,संजय चैहान, दिनेश वर्मा व रोहित कनवाल शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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