हरिद्वार। आपसी विवाद के बाद पथरी क्षेत्र के नई कुंडी गांव में एक किसान ने आहत होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस की माने तो किसान पर समझौते का दबाव बनाने की बात भी सामने आ रही है। उसने सुसाइड नोट में दो आरोपितों को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर लौट रहे परिवार वालों ने फेरुपुर पुलिस चैकी पर हंगामा किया। बाद में थानाध्यक्ष सुखपाल मान की ओर से कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। मामले में पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी है। पथरी पुलिस के अनुसार नई कुंडी निवासी मांगेराम पर गांव के ही रहने वाले सुखविदर और नीटू ने पंचायत चुनाव में किसी प्रत्याशी से 10 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था। इसी बात को लेकर उनके बीच कहासुनी और फिर मारपीट हो गई थी। मांगेराम ने आरोपित सुखविदर और नीटू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपितों को जब मुकदमे की जानकारी हुई तो वह मांगेराम पर समझौते का दबाव बनाने लगे। मंगलवार देर शाम पीड़ित मांगेराम ने पड़ोसी गांव पुरानी कुंडी में एक खेत के टयूबवेल पर जहर खाकर जान दे दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव कब्जे में ले लिया। मांगेराम की जेब से पुलिस को एक सुसाइड मिला। इसमें उसने नीटू और सुखविद को मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए आहत होकर जान देने की बात लिखी थी। वहीं, बुधवार की सुबह जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर गांव लौट रहे मांगेराम के स्वजन और ग्रामीण फेरुपुर पुलिस चैकी पर रुक गए। उन्होंने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया। इस दौरान कुछ युवकों ने जाम लगाने का प्रयास भी किया। पथरी थानाध्यक्ष सुखपाल मान ने गुस्साए ग्रामीणों को समझाते हुए जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया। काफी देर हंगामे के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाया गया। एसओ सुखपाल मान ने बताया कि मुकदमे में आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। आरोपित नीटू और सुखविदर की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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