हरिद्वार । जिलाधिकारी सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में बुधवार को कैम्प कार्यालय में कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में यू0पी0सी0एल0 के अधिकारियों ने बताया कि 33 केवी का कार्य शत-प्रतिशत, 11केवी का कार्य 97 प्रतिशत, एलटी का कार्य 95 प्रतिशत हो गया है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शेष कार्य यथाशीघ्र पूरे किये जायें। जिलाधिकारी ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से कार्यों की प्रगति के बारे में पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि अब खुदाई से सम्बन्धित कार्य नहीं है, जो कार्य बचे हैं, वे 20 दिन के अन्दर पूरे कर लिये जायेंगे। अमृत योजना के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि ज्वालापुर जोन मंे 60 प्रतिशत, मध्य हरिद्वार में 30 प्रतिशत कार्य हो गया है, जो 10 जनवरी तक पूरे हो जायेेंगे। नेचुरल गैस के अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रोड के जो कार्य हैं, वे पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन तीन जगह-सूखी नदी, गुरूकुल कांगड़ी विवि के पास आदि पर पीडब्ल्यूडी तथा पर्यटन से संस्तुति प्राप्त न होने की वजह से कार्य रूका हुआ है। इस पर जिलाधिकारी ने आपसी तालमेल से कार्य करने के निर्देश देते हुये कहा कि कुम्भ को देखते हुये आगे खोदने की अनुमति नहीं दी जायेगी। अगर निर्धारित समय में कार्य पूरा नहीं होता है, तो सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय की जायेगी तथा उसी अनुसार कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियोें को निर्देश दिये कि वे गुणवत्ता का ध्यान रखते हुये कहां कितना काम हो गया है, कितना बाकी है तथा कितने समय में पूरा हो जायेगा, इसकी पूरी रिर्पोट प्रस्तुत करें। बैठक में लोक निर्माण, जल निगम, जल संस्थान, नगर निगम, यूपीसीएल, नेचुरल गैस, नेशनल हाईवे अथाॅरिटी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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