हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन कनखल और उदासीन संप्रदाय की तरफ से अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि 12 लाख रुपये की राशि का चेक दिया गया। यह चेक विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी को सौंपा गया। इससे पहले संतो ने बैठक की। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन कनखल में सभी उदासीन संप्रदाय के संतों की बैठक आयोजित की गई बैठक में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए विचार विमर्श किया गया इसके बाद सभी संतो ने मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि 12 लाख रुपये कतर कर विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी को चेक बनाकर सौंपा। श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के अध्यक्ष श्रीमहंत महेश्वर दास महाराज ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा भव्य और दिव्य भगवान श्री राम का मंदिर बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सभी को अपना सहयोग देना चाहिए। जिसकी जितनी हैसियत है वो उसी हिसाब से मंदिर निर्माण में अपना सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए बड़ा अखाड़ा उदासीन व उदासीन संप्रदाय के संतों की तरफ से समर्पण निधि 12 लाख रुपये दिये गये हैं। आगे भी मंदिर निर्माण में सहयोग करने का प्रयास जारी रहेगा। कोठारी महंत दामोदर दास ने कहा कि भगवान राम हम सबके आराध्य प्रभु है। भारत के जन.जन में श्रीराम बसते हैं। उनके भव्य मंदिर के निर्माण में बढ़.चढ़कर सभी को हिस्सा लेना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए संत समाज लगातार सहयोग करता रहेगा। इस अवसर पर महंत कमल दासए महंत जगदीश दासए महंत सुखदेवानंदए महंत चंद्रमा दासए महंत कैलाश मुनिए महंत प्रकाश मुनिए महंत कपिल मुनिए महंत तीर्थ कुटीरए महंत प्रेमा नंदए कोठारी दर्शन दासए निर्मल दासए मुरली दासए जयेंद्र मुनि आदि संत.महंत उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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