हरिद्वार। शांतिकुंज का राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार का शुक्रवार को विधिवत् शुभारंभ हो गया। इस अभियान को देशभर में जन-जन तक पहुंचाने के लिए शांतिकुंज से 18 टोलियां रवाना हुई। रवाना होने से पूर्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने प्रवृज्या पर जाने वाली टोली के सभी सदस्यों का मंगल तिलक कर विदाई दी। एक टोली में पांच सदस्य शामिल हैं। राष्ट्रव्यापी इस अभियान में देशभर के लिए निकलने वाली टोलियों को अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या, शैलदीदी एवं व्यवस्थापक महेंद्र शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।टोली को विदाई देते हुए डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि हरिद्वार में महाकुंभ और शांतिकुंज का स्वर्ण जयंती वर्ष दोनों एक साथ हैं। कोरोना संक्रमण के कारण कई श्रद्धालु इस वर्ष हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन श्रद्धालुओं-परिजनों तक ये टोलियां गंगाजली एवं प्रेरणाप्रद युग साहित्य पहुंचाने का कार्य करेगी। टोलियों के अलावा हमारे क्षेत्रीय परिजन भी इस कार्य में सहयोग करेंगे। शैलदीदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अनेकानेक लोग हरिद्वार नहीं आ पाएंगे। ऐसी स्थिति में गंगाजली और युग साहित्य का प्रसाद लेकर उनकी श्रद्धा भावना को पोषित करने के उद्देश्य से हमारे परिजन उनके द्वार पहुंचेंगे। भारतीय संस्कृति में श्रद्धा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इससे पूर्व ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार के अंतर्गत शांतिकुंज द्वारा गंगा कलश शोभायात्रा का आयोजन भगीरथी बिंदु से प्रारंभ हुई। शंख, मंजिरा घंटी आदि भारतीय प्राचीन वाद्ययंत्र एवं बैण्ड के साथ निकली यह रैली सप्त सरोवर मार्ग होते हुए शांतिकुंज पहुंची। शोभायात्रा की प्रथम पंक्ति में 24 कन्याएं चल रहीं थी, तो वहीं द्वितीय पंक्ति में शांतिकुंज की पीतवस्त्रधारी 251 बहनें गंगा संरक्षण एवं महाकुंभ संकल्पों के बीच सिर पर कलश और गंगाजली लेकर देशभर में गंगा और गायत्री के विचारों को पहुंचाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर देसंविवि प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह संक्रमण काल है। इस काल में लोगों में आस्था एवं श्रद्धा को पोषित करने के उद्देश्य से ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार एक महत्वाकांक्षी अभियान चलाया जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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