हरिद्वार।एस.एम.जे.एन.पी.जी.काॅलेज की छात्रा कु. साक्षी शर्मा की जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी के पद पर नियुक्ति होने पर समस्त काॅलेज परिवार द्वारा उनका काॅलेज पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त लखन गिरि महाराज, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहन्त राम रतन गिरि महाराज व काॅलेज प्रबन्ध समिति के समस्त सम्मानित सदस्यों ने कु.साक्षी शर्मा को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की। काॅलेज प्रबन्ध समिति के सचिव श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी के पद पर कु.साक्षी शर्मा को नियुक्ति मिलने पर अपने बधाई संदेश में कहा कि कु.साक्षी शर्मा ने काॅलेज के साथ-साथ अपने माता-पिता व जनपद का नाम रोशन किया है । उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को दृढ़ संकल्प शक्ति को जागृत करने की अत्यन्त आवश्यकता है। काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि साक्षी शर्मा की पूर्व में सहायक विकास अधिकारी, सहकारिता विभाग, टिहरी, उत्तराखण्ड में नियुक्ति हुई थी। साक्षी शर्मा अपनी मेहनत और लग्न के कारण अब जिला अर्थ एवं सांख्याधिकारी के पर पद नियुक्ति हुई है। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डा.नरेश कुमार गर्ग ने साक्षी शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह काॅलेज की गौरवशाली परम्परा का अभिन्न अंग है। इस अवसर पर डा.मन मोहन गुप्ता, डा.जे.सी.आर्य, विनय थपलियाल, डा.सुषमा नयाल, डा.अमिता श्रीवास्तव, डा. अन्तिम त्यागी, महिमा राणा, डा.शिव कुमार चैहान, डा.मनोज कुमार सोही, वैभव बत्रा, डा.सुगन्धा वर्मा, आस्था आनन्द, डा.निविन्धया शर्मा, विवेक मित्तल, डा.लता शर्मा, रिचा मिनोचा, रिंकल गोयल, अंकित अग्रवाल, मोहन चन्द्र पाण्डेय, वेद प्रकाश चैहान आदि ने भी शुभकामनायें दी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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