हरिद्वार। कुम्भ मेला को भव्य, दिव्य बनाने के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। मेले के दौरान धार्मिक, पौराणिक और आध्यात्मिक विषय पर कार्यक्रम होंगे। इसे स्थानीय संस्कृति, प्रदेश और राष्टीय संस्कृति के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त नुक्कड़ नाटक, कवि सम्मेलन, गंगा आरती, भजन संध्या के कार्यक्रम को भी प्रस्तुत किया जायेगा। इस सम्बन्ध में आज प्रदर्शनी एवं सास्कृतिक आयोजन के लिये गठित समिति ने बैठक ली। इस बैठक में नमामि गंगे की टीम भी उपस्थित थी। शनिवार को मेला नियंत्रण भवन (सी0सी0आर0) में बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर ने समिति को निर्देश दिये कि सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी के लिये विस्तृत कार्य रूपरेखा तैयार कर ली जाये। बैठक में उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि संस्कृति विभाग से विस्तृत रूपरेखा मांगी जायेगी। इसके सम्बन्ध मंे विस्तृत कार्य योजना शीघ्र ही शासन से स्वीकृत करा ली जायेगी। बैठक मंे नगर आयुक्त जयभारत सिंह, जिला पर्यटन अधिकारी श्रीमती सीमा नौटियाल, नोडल अधिकारी मीडिया मनोज श्रीवास्तव मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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