हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि केन्द्र व राज्य सरकार दोनो कुम्भ मेले की उपेक्षा कर रही है। उन्होने आरोप लगाया कि इस बार कुम्भ मेले के दौरान कोई भी स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्य नही हुए है। दोहराया कि उनकी सरकार के द्वारा बनाये गये इमारतों पर ही रंगरोपण कर भव्य दिखाने की कोशिशे की जा रही है। बुधवार को हरिद्वार पहुचे पूर्व मुख्यमंत्री सबसे पहले हर की पौड़ी पहुंचकर गंगा स्नान किया और मां गंगा में दुग्ध अभिषेक कर पूजा अर्चना की। मौके पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान हरीश रावत ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वे पहले से कहते आ रहें कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों कुंभ मेले की उपेक्षा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ मेले के दौरान स्थाई प्रकृति के लगभग कार्य हुए ही नहीं हैं। लक्सर से लेकर देवप्रयाग तक का क्षेत्र स्थाई कार्यों से वंचित है। उन्होंने कहा कि हमारे बनाए हुए कार्यों पर ही सरकार ने रंग रोगन करा दिया है। मेले को लेकर हरिद्वार वासियों को बहुत अपेक्षा थी हम भी यह मानकर चल रहे थे कि केंद्र सरकार मेले के आयोजन को लेकर भारी भरकम बजट देगी, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट ही नहीं दिया है । जिसके चलते राज्य सरकार ने भी कोई कार्य नहीं किया है दोनों सरकारों ने मिलकर कुंभ मेले की उपेक्षा की है राज्य सरकार ने तो मेले की अवधि और पर्वों को भी कम कर दिया है। दोनों सरकार मेले को औपचारिकता बना देना चाहती हैं। जिसको लेकर आज मैं अपना दर्द बयां करने आया हूं। मैंने गंगा में स्नान करके अपनी व्यथा मां गंगा और देवी-देवताओं को सौंप दी है। हरीश रावत अखाड़ों में जाकर साधु संतों से भी मुलाकात भी कर आशीर्वाद भी लिया। पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत ने अपनी पुत्री के साथ दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद से आशीर्वाद प्राप्त किया। हरीश रावत की यह अनोपचारिक भेट थी। बताते चले कि हरीश रावत स्वामी कैलाशानंद निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर के पट्टाभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। उसी कारण वे आज दक्षिण काली मन्दिर पहुंचे और महामंडलेश्वर कैलाशानंद से भेट कर महाकाली का आशीर्वाद लिया। महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने हरीश रावत को मां के चरणों की चुन्नी और नारियल भेट कर आशीर्वाद दिया। इस दौरान पुरषोत्तम शर्मा ,राजवीर सिंह ,धर्मेंद्र प्रधान, मनीष कर्णवाल, संदीप गौड़, ठाकुर रतन सिंह, रविश भटीजा, सुशील राठी, नमन अग्रवाल आदि मौजूद थे।
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