दूसरे संत को आचार्य म.म. बनाये जाने पर संतो की अदालत के साथ कोर्टं भी जाएंगे-स्वामी प्रज्ञानानंद
हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर 14 जनवरी का कैलाशनन्द गिरी का होगा पट्टाभिषेक, जिसको लेकर विवाद है कि थमने का नाम नही ले रहा है। स्वामी प्रज्ञानानंद गिरी महाराज ने कहा कि मार्च 2019 में काशी में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज, सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों व सनातन धर्म के विद्वानों की उपस्थिति में उनका निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर के पद पर अभिषेक किया गया था। तभी से वे श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महाण्डलेश्वर है। उन्होंने पद से त्यागपत्र भी नहीं दिया है। वर्तमान में भी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर वे ही हैं। उनके पद पर रहते किसी अन्य को आचार्य महामण्डलेश्वर नहीं बनाया जा सकता है। पट्टाभिषेक से पूर्व स्वामी प्रज्ञानानन्द महाराज ने पत्रकार वार्ता करते हुए खुद के अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर होने का दावा करते हुए कहा कि उनके पद पर रहते और इस्तीफा दिए बिना किसी की नियुक्ति कैसे हो सकती है ,वे ही अखाड़े के आचार्य है और रहेंगे। जिसके लिए वे कोर्ट भी जा रहे है। स्वामी प्रज्ञानानन्द महाराज ने रविवार को पत्रकारो से वार्ता करते हुए कहा कि जब से उन्होंने इस कार्यक्रम का विरोध करना प्रारंभ किया है उन्हें धमकियां मिल रही है जिसकी शिकायत उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों से की है। साथ ही उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वे 14 जनवरी को निरंजनी अखाड़े में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रोकने के लिए संत महात्माओं से वार्ता के साथ साथ कोर्ट की शरण मे जा रहे है। उनका कहना है कि किसी चरित्रहीन और भूमाफिया को इस पद पर बैठाया जाय यह बर्दाश्त नही किया जाएगा, ऐसा करने पर अखाड़े की गरिमा खंडित होगी, जिसकी रक्षा के लिए वे हर संभव कार्य करेंगे। ओर फिर भी निरंजनी अखाडा ऐसा करता है तो वे न्यायालय की शरण लेंगे और संत महंत और धर्माचार्यो की शरण मे जाएंगे जिनकी उपस्थिति में उनका पट्टाभिषेक हुआ था। आचार्य की गद्दी बेशकीमती ही इसे बेचा नही जा सकता है ,अगर ऐसे लोग आएंगे तो अखाड़े की सफाई का भी अभियान चलाना होगा । स्वामी प्रज्ञानानंद गिरि महाराज ने प्रयागराज स्थित बड़े हुनमान मंदिर में विगत वर्ष स्वामी आशीष गिरि द्वारा की गयी आत्महत्या मामले पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आशीष गिरि ने आत्महत्या की या उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया गया इसका खुलासा वे मीडिया के समक्ष 14 जनवरी को करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे मामले में चुप रहने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा तथा धमकाया भी जा रहा है।
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