हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र की मनोहर गली में अमृतगंगा योजना से पेयजल लाइन नहीं डाले जाने से खफा क्षेत्रवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित क्षेत्रवासियों ने अमृत योजना के अधिशासी अभियंता का घेराव कर जमकर हंगामा काटा। साथ ही प्रताप भवन की गली में कम आबादी होने के बावजूद पेयजल लाइन डालने पर विरोध जताया। अधिशासी अभियंता ने 15 जनवरी से लाइन डालने का काम शुरू करने का आश्वासन देकर उनका गुस्सा शांत कराया। शहरभर में अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन डालने का काम चल रहा है। उत्तरी हरिद्वार की मनोहर गली में अभी तक लाइन डाली नहीं गई है। गुरुवार को क्षेत्रवासियों ने महापौर अनिता शर्मा से पाइप लाइन न डालने की शिकायत की। इस पर महापौर अनिता शर्मा, अधिशासी अभियंता संजय सिंह को साथ लेकर मौके पर पहुंची। स्थानीय पार्षद महावीर वशिष्ठ की अगुआई में क्षेत्रवासियों ने अधिशासी अभियंता का घेराव कर अभी तक पाइप लाइन न डालने पर विरोध जताया। पार्षद ने आरोप लगाया कि मनोहर गली की बजाय प्रताप भवन से सटी गली में पाइप लाइन डाली गई है, जहां अधिक आबादी ही नहीं है। बार-बार पाइप लाइन डालने की मांग की जा रही है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। महापौर अनिता शर्मा ने भी कांग्रेस पार्षदों के क्षेत्र में विकास कार्य में भेदभाव का आरोप जड़ा। महापौर के पति एवं पूर्व सभासद अशोक शर्मा ने जनहित कार्यों में भी भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। स्थानीय निवासी निर्मला देवी ने पिछले तीन-चार महीनों से पानी न मिलने की बात कही। अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने 15 जनवरी से पाइप लाइन डालने का काम शुरू करने की बात कहकर आमजन को शांत कराया। घेराव करने वालों में सुभाष कपिल, संदीप चैधरी, मंजू गोयल, कपिल राणा, कांग्रेस अनुसूचित विभाग जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, देवेश गौतम, संगम शर्मा, प्रशांत शर्मा, सुमित भाटिया, विकास चैहान आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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