हरिद्वार। सिक्खों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह का प्रकाशोत्सव सिक्ख समाज के लोगों ने धूमधाम से मनाया। इस दौरान सिक्ख समाज के सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब के आगे मत्था टेककर विश्व शांति और कोरोना से मुक्ति की अरदास की। ज्वालापुर स्थित गोल गुरुद्वारे में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना लगा रहा। गुरुद्वारों में एक सप्ताह से प्रभात फेरी निकाली जा रही थी। अखंड पाठ भी रखा गया। जिसका भोग प्रकाशोत्सव पर किया गया। हेड ग्रंथी हुकम सिंह ने गुरु गोविंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने सदैव अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उनके चारों साहिबजादे कौम के लिए शहीद हुए। उन्होंने विश्व को शांति और भाईचारे का संदेश दिया। शबद-कीर्तन के बाद लंगर वितरित किया गया। वहीं कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारा के अध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने बताया कि 15 जनवरी से प्रभात फेरियों की लड़ी का समापन प्रकाशोत्सव पर किया गया। सुबह प्रभात फेरी गुरुद्वारा निर्मल संतपुरा से आरंभ होकर गाड़ियों द्वारा कनखल चैक से पैदल तपस्थान गुरु अमर दास गुरुद्वारा तिजी पातशाही में नतमस्तक होते हुए वापस गुरुद्वारा निर्मल संत पुरा में पहुंचकर विशेष कीर्तन एवं प्रकाश पर्व की अरदास की गई। भेल सेक्टर दो स्थित गुरुद्वारे में 24 जनवरी को प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर सचिव विक्रम सिंह सिद्धू, दलजीत सिंह मान, डॉ. करतार सिंह, टेक सिंह, रविन्द्र सिंह, जसपाल सिंह, गुरविंदर सिंह, भोला सिंह, जसप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, अनूप सिंह सिद्धू, मोहन सिंह, भूपेंद्र सिंह, हरसिमरन सिंह, पार्षद अनुज सिंह, कुंवर बाली, लव शर्मा, आयुष सिंह, सुखदेव सिंह आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment