हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेला 2021 के तहत बनने वाले महामण्डलेश्वर नगर की व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया। गुरूवार को मेलाधिकारी ने अधिनस्थों के साथ चण्डीपुल के नीचे बनने वाले पूरे महामण्डलेश्वर नगर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मेलाधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र की भूमि काफी अच्छी स्थिति में होने की वजह से आसानी से विकसित हो जायेगी। प्रस्तावित नगर में केवल बिजली, पानी तथा शौचालय की व्यवस्था के साथ ही दो-तीन रैम्प बनाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र का महत्व इसलिए भी अधिक है कि यह गौरी शकर दीप से जुड़ा हुआ है। दीपक रावत ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को उगी झाड़ियों को यथाशीघ्र का साफ करने के निर्देश दिये। मेलाधिकारी ने महामण्डलेश्वर नगर के आखिरी छोर पर गंगा के तट पर काफी लम्बे क्षेत्र में बालू की मौजूदगी को देखते हुये कहा कि इस तट पर महाकुम्भ तथा माइथोलाॅजी की थीम से सम्बन्धित सैण्ड आर्ट की प्रतियोगिता कराई जायेगी। जिन्हें श्रद्धालु तट के उस पार से भी आसानी से देख सकेंगे। निरीक्षण के दौरान पत्रकारों द्वारा मेलाधिकारी से कुम्भ को देखते हुये कोरोना वैक्सीन की मांग करने के बारे में पूछने पर मेलाधिकारी ने कहा कि हमारा उद्देश्य अग्रिम पक्तियों में काम करने वाले अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि ललतारों पुल पर एचआरडीए के माध्यम से लाइटिंग की बेहतरीन व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि कुम्भ से सम्बन्धित सारे कार्य समय से पूर्ण हो जायेंगे। इस अवसर पर अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, उप मेलाधिकारी अशुल सिंह,दयानन्द सरस्वती, किशन सिंह नेगी, सी0ओ0, पी0सी0 देवली, तहसीलदार, मंजीत सिंह के अलावा लोक निर्माण, विद्युत, जल संस्थान सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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