हरिद्वार। कोरोना जैसी विश्वव्यापी महामारी का असर कुम्भ मेला पर भी पड़ा है। पिछले कुम्भों को देखे तो हरिद्वार में प्रायः एक जनवरी से कुम्भ मेला का नोटिफिकेशन हो जाया करता था,लेकिन इस बार जैसी आशंका व्यक्त की जा रही थी, वैसा ही हुआ। उत्तराखंड सरकार ने एक जनवरी को हरिद्वार कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। नोटिफिकेशन जारी नही होने का परिणाम यह होगा कि 14 जनवरी को होने वाला मकर संक्रांति का स्नान कुंभ मेले का हिस्सा नहीं होगा। जबकि कुम्भ मेला की शुरूआत मकर संक्रान्ति के स्नान से होता रहा है। इस बार ऐसा नही होने से हरिद्वार कुंभ मेला अवधि को घटाने की संभावना बढ़ गई है। पिछले कुम्भों के देखे तो आमतौर पर हर कुंभ में मकर संक्रांति स्नान कुंभ स्नान का हिस्सा होता है और इसे कुंभ मेला पर्व स्नान का दर्जा हासिल रहता है। इसके चलते कुंभ मेला आयोजित करने वाली राज्य सरकार आमतौर पर कुंभ मेला वर्ष में एक जनवरी को कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी कर देती थी। कोरोना से पूर्व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा के समन्वय से सरकार ने पिछले वर्ष कुंभ मेला के शाही और पर्व स्नान की घोषणा की गई थी तो मकर संक्रांति स्नान को कुंभ मेला का पहला पर्व स्नान घोषित किया था। उस वक्त कुंभ में छह स्नान पर्व और चार शाही स्नान को कुंभ का हिस्सा बताया गया था। बताया जा रहा है कि इन्हीं सब बातों और कोविड-19 संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने एक जनवरी को कुंभ को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। कहा जा रहा है कि कुंभ का नोटिफिकेशन अब 20 फरवरी को अखाड़ा परिषद की राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के साथ होने वाली प्रस्तावित बैठक के बाद जारी किया जाएगा और उस वक्त ही कुंभ के स्वरूप का निर्धारण भी किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो कुंभ मेले का नोटिफिकेशन जारी न होने के कारण मकर संक्रांति स्नान के साथ ही वसंत पंचमी व इस दौरान पड़ने वाले कुंभ के अन्य पर्व स्नान भी हरिद्वार कुंभ का हिस्सा न होकर हर वर्ष की तरह होने वाले सामान्य स्नान पर्व ही होंगे। हलांकि कुंभ मेला प्रशासन मकर संक्रांति स्नान को कुंभ के ट्रायल के तौर पर अपनी तैयारियों को परखेगा। इस सम्बन्ध में शहरी विकास मंत्री और उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि कुंभ को लेकर सरकार ने शुक्रवार को कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। कुंभ का नोटिफिकेशन फरवरी के अंत में जारी किए जाने की उम्मीद है। 20 फरवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ बैठक के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और इसके स्वरूप का भी निर्धारण किया जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment