हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पतंजलि फेस 2 आचार्यकुलम में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित यज्ञोपवीत उपनयन संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सक्रांति शुभ, ज्ञान, ऊर्जा एवं प्रकाश का प्रतीक है। सक्रांति से जीवन में सकारात्मकता आती है, इसलिए हम प्राचीन काल से ही सक्रान्ति के उपासक रहे हैं। हमारे त्योहार संस्कारों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के बीच पतंजलि में आकर उन्हें अपार आनन्द का अनुभव हुआ। इसके उपरांत मुख्यमंत्री सपरिवार पतंजलि फेस 1 पहुंचे, जहां चतुर्वेद महा परायण यज्ञ का आरंभ मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में किया गया। यह यज्ञ लगभग एक महीने तक चलेगां इस यज्ञ में योगगुरू स्वामी राम देव के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी सहभागिता की ओर यज्ञ में आहूति देते हुए देश के लिए मंगलकामना की। उन्होंने कहा कि हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश की चार कम्पनियां कोरोना वेक्सीन बना रही हैं। दुनिया के 12 देश हमसे कोरोना की वेक्सीन मांग रहे हैं। उन्होंने सभी से दैनिक जीवन में प्राणायाम, योग को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि योग हमारे ऋषि मुनियों की देन है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘‘वेदों की शिक्षाएं’’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में योगगुरू स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि के मुख्य ट्रस्टी पदम सेन आर्य अपने परिवार सहित, विजय कौशल महाराज आदि यज्ञ में सम्मलित हुए। आचार्यकुलम, वैदिक गुरुकुलम, व गुरुकुलम के छात्र छात्राओं व धर्माचार्यो द्वारा मंत्रो उच्चारण के साथ इस यज्ञ का संचालन किया गया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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