हरिद्वार। कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को एचआरडीए परिसर में धरना देकर सरकार से कई सवालों का जवाब मांगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कुंभ मेले में आवंटित धन और योजनाओं की जानकारी जनता को क्यों नहीं दी जा रही है? कुंभ मेले की योजनाओं को लेकर आम आदमी से सुझाव तक नहीं लिए गए हैं। बंद कमरों के अंदर बैठकें कर योजनाएं बनाई गई हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीते कुंभ मेले के दौरान मेला चिकित्सालय बनाया गया था। अब उसका उपयोग कोविड के लिए किया जा रहा है। घोषणा के मुताबिक कोविड अस्पताल का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मेला 1 जनवरी से शुरू किया जाना चाहिए था, सरकार को एक जनवरी से ही मेले की नोटिफिकेशन जारी करनी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने नोटिफिकेशन जारी न करके जनता की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। शहर में जगह-जगह सड़कें खुदी हुई है। शासन को इसका जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ठंड में तारकोल की सड़कें बनाकर शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। सड़कें बनने के साथ ही उखड़नी शुरु हो गई हैं। कुंभ के नाम पर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। धरने में प्रदेश महासचिव संजय पालीवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, मुरली मनोहर, राजीव भार्गव, पार्षद अनुज सिंह, नईम कुरैशी, अशोक शर्मा, अमन गर्ग, वरुण बालियान, जफर अब्बासी पार्षद, सादिक, इसरार सलमानी, शहाबुद्दीन अंसारी, रवि कश्यप, प्रशांत शर्मा, प्रकाश भट्ट, नीलम शर्मा, इल्मास, मुकुल जोशी, प्रदीप त्यागी, विजय प्रजापति, छेत्रपाल सिंह चैहान, दीपक कोरी, अनंत पांडेय, नवीन कुमार, सुनील कुमार, अमन चैहान, अंकित चैहान, रवीश भटिजा, रत्न सिंह, गुलवीर सिंह, अंबमिका पांडेय, सतीश चैहान, प्रदीप पांडेय, आयुष सैनी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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