हरिद्वार। प्रदेश व्यापार मण्डल की रानीपुर मोड़ पर हुई महत्वपूर्ण बैठक 14 जनवरी के स्नान करने को लेकर आहूत की गई। इस बैठक में व्यापार मण्डल के जिला महामंत्री डॉ विशाल गर्ग, महानगर अध्यक्ष महेंद्र मूर्ति भट्ट, महामंत्री सुमित अरोड़ा की अगुवाई में यह तय हुआ कि सभी व्यापारी भाई 14 जनवरी को गुरुद्वारा सिंह सभा से पैदल बैंड बाजों के साथ ब्रह्मकुंड में मां गंगा के स्नान के लिए परिवार सहित जाएंगे, क्योंकि प्रशासन द्वारा कुंभ मेले की नोटिफिकेशन मार्च से जारी की गई है। लेकिन व्यापारी चाहता है कि पहले की तरह जैसे कुंभ 14 जनवरी से शुरू होता रहा है,ं वैसे ही इस बार भी मेला नोटिफिकेशन 14 जनवरी से पहले जारी किया जाए। व्यापार मंडल महामंत्री डॉ विशाल गर्ग ने यह तय किया कि सभी व्यापारी भाई अपने परिवारों सहित गुरुद्वारा सिंह सभा से बैंड बाजा सहित हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान के लिए जाएंगे। क्योकि व्यापारी चाहते है कि 14 जनवरी के स्नान को स्नान पर्व को केवल स्नान नही माना जाये। व्यापारियों की मांग है कि 14जनवरी मकर संक्रान्ति के मौके पर होने वाले स्नान को कुंभ मेले के पहले स्नान की घोषणा शासन द्वारा की जाए। बैठक में विक्रम सिंह नाचीज राजीव गुप्ता सचिन अरोड़ा आरुष साराभाई प्रवीण शर्मा वीर अंकित राहुल विवेक गर्ग आदि उपस्थित रहे। डॉ विशाल गर्ग ने पहले दिन व्यापार मंडल के हुए कार्यक्रम पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि व्यापारी वर्ग त्रस्त है। हरिद्वार का व्यापारी कोरोना की मार से उबर नहीं पा रहा है और यहां पर व्यापारियों द्वारा स्वागत समारोह होटलों में किए जा रहे हैं। अपने आप को प्रदेश अध्यक्ष कहने वाले व्यापारी शहर के आम व्यापारियों से बहुत दूर रहते हैं और उनकी पीड़ा को जानने की कोई कोशिश भी नहीं करते हैं। बैठक की अध्यक्षता प्रवीण शर्मा व संचालन डॉक्टर विशाल गर्ग के द्वारा किया गया
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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