हरिद्वार। देश विदेश से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक दर्शन कराने के उद्देश्य से कुंभ नगरी के मठ, मंदिरों के अलावा सरकारी भवनों, चैराहों को भव्य रूप प्रदान कर रहे ललित कला महाविद्यालय के रोहित कुमार, विकास कुमार, शोभित चैधरी वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से मनमोहक छाया चित्र भवनों व दीवारों पर अपने हाथों से उकेर रहे हैं। दिल्ली से फाईन आर्ट से पीएचडी कर रहे शोभित चैधरी ने बताया कि 15 से 48 घंटों तक वाटर प्रूफ पेंटिंग से छाया चित्रों को बनाया जा रहा है। कुंभ क्षेत्र में संत महात्माओं, भगवान श्रीचंद व चारों धामों के चित्रों को भव्य रूप से दर्शाया गया है। प्रैस क्लब हरिद्वार के भवन एवं दीवारों पर भगवान शंकर व चारों धामों के मंदिरों के दर्शन छाया चित्रों से देखने को मिलेंगे। कुंभ कलश के साथ साथ धार्मिक चित्रों का संग्रह दीवारों पर बनाया गया। शोभित चैधरी ने यह भी बताया कि दिल्ली, चण्डीगढ़, प्रयागराज आदि राज्यों में भी इन कलाकृतियों को बना चुके हैं। रोहित कुमार ने बताया कि बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। अब इस हुनर को दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ है। धार्मिक चित्रण के साथ साथ होटल, धर्मशालाएं, मकान एवं प्रसिद्ध इमारतों पर अपनी कलाकृतियों के हुनर को दिखाने का मौका मिला है। धर्मनगरी के विभिन्न गंगा घाटों, आश्रमों, अखाड़ों के अलावा सरकारी भवनों को भी वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है। प्रैस क्लब अध्यक्ष दीपक नौटियाल ने ललित कला महाविद्यालय के रोहित कुमार, विकास कुमार, शोभित चैधरी की प्रशंसा करते हुए बताया कि धार्मिक कलाकृतियों के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़चढ़ कर फाईन आर्टस के यह युवा अपनी प्रतिभा को दिखाने में किसी से पीछे नहीं है। मात्र बताए गए चित्रों पर भी स्वयं अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाते हुए दीवारों पर उकेरने का काम कर रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment