हरिद्वार। प्राचीन पौराणिक गं्रथों में उल्लिखित महाभारत काल के नारद पुराण मे वर्णित श्री भीमगोड़ा तीर्थ में दीवारों पर महाभारत काल के चित्र बनाने तथा फर्श की मरम्मत कार्य के साथ सफाई व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने, टनल (सुरंग की सफाई मे तेजी लाने) एवम पथ प्रकाश व्यवस्था को सुचारू कराने को श्री देवभूमि रक्षा समिति द्वारा कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत को ज्ञापन दिया। ज्ञापन मे सभी कार्यों को समय से पूर्ण कराए जाने की मांग की गयी। श्री देवभूमि रक्षा समिति के अध्यक्ष संजय त्रिवाल ने ज्ञापन के माध्यम से कुम्भ मेला अधिकारी दीपक रावत को अवगत कराया कि यहा क्षेत्र में पथ प्रकाश व्यवस्था की कमी के चलते कुन्ड और उसके आसपास काफी अन्धेरा रहता है। कुम्भ मेला निधि से मरम्मत के साथ ही दीवारों पर वाॅल पेन्टिग के द्वारा महाभारत काल के सुन्दर चित्रों को उकेर कर चित्रकारी की जाए। रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि सुरंग की सफाई मे तेजी लाई जाए। ताकि समय पर गंगा जल का आगमन कुन्ड में हो सके। गंगा का जलस्तर कम होने तथा सुरंग का मुँह लोकनाथ धाट पर उंचा होने के कारण अभी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इसका समाधान किया जाए तथा कुम्भ मेले के संसाधनों से इस तीर्थ के लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि कुम्भ 2021 में अधिक से अधिक श्रद्धालुओ का इस तीर्थ पर आगमन हो सके तथा इसकी आरती की व्यवस्था की जाए। सफाई तथा अतिक्रमण हटाने के लिए सम्बंधित विभागो को आदेशित किया जाए। ज्ञापन देने वालो मे पर्यावरणविद रविन्द्र मिश्रा, विनय त्रिवाल, समाज सेवी नीरज ममगाई, सचिन, मोहन, मुन्ना लाल बैरागी, मनोज विश्नोई, कपिल शर्मा जोनसारी, मणिक वर्मा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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