हरिद्वार। बिलबेरी कंस्टलेशन सर्विसेज के शरद शर्मा ने मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा किं सरकार को दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने के लिए टैक्स की अदायगी करने वाले धन का सद्पयोग किया जाना चाहिए। सरकार संसद सत्र में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए इस कार्ययोजना पर चर्चा करे। उन्होंने बताया कि बूथ स्तर पर जनता की वास्तविक आय, रोजगार की स्थिति को सूचीबद्ध करना नितांत जरूरी है। बूथ स्तर पर लोगों का वित्तीय व्यवहार के साथ साथ व्यापारिक सूचनाओं व आंकड़ों का संग्रह किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहे तो जनता द्वारा दिए जा रहे विभिन्न टैक्सों से रोजगार सृजन कर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करा सकती है। सरकार को ईमानदारी से कार्य करना होगा। बढ़ती बेरोजगारी देश पर कई तरह के संकट खड़े कर रही है। शरद शर्मा ने यह भी कहा कि विपक्ष लगातार बेरोजगारी को लेकर हो हल्ला तो करती है लेकिन उचित कदम नहीं उठाती है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों का डाटा तैयार कर विपक्ष को सरकार को सौंपना चाहिए। जिससे सरकार टैक्स अदा करने वाली जनता के धन का सद्पयोग करते हुए रोजगार के सृजन कर सके। बड़े पैमान पर युवाओं को रोजगार मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारी बिलबेरी कंस्टलेशन सर्विसेज के माध्यम से भी रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए सरकार को जानकारियां उपलब्ध करायी जाएंगी। शरद शर्मा ने यह भी कहा कि अगर बेरोजगारी दूर करनी है तो केंद्र द्वारा जो आर्थिक पैकेज राज्य सरकारों को दिए जाते हैं। उन पर भी ईमानदारी से काम किया जाना जरूरी है। आर्थिक सर्वे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी व श्रम कानूनों का पालन राज्य की सरकारों को करना चाहिए। इस अवसर पर वेदांत उपाध्याय, सतेंद्र बिष्ट, परविन्दर शर्मा, अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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