हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के राधा कृष्ण धाम में हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में संगठन का विस्तार करते हुए जिम्मेदारियां बांटी गई। इसमें वंदना गुप्ता को इंटक महिला जिलाध्यक्ष हरिद्वार का दायित्व सौंपा गया, जबकि सचिन जॉन को हरिद्वार शहर अध्यक्ष बनाया। पदाधिकारियों ने श्रमिक हितों की आवाज उठाते हुए कांग्रेस की नीतियों को घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि इंटक हमेशा से मजदूर तबके व रेहड़ी पटरी वालों की लड़ाई मजबूती से लड़ती आई हैं। संगठन का विस्तार होने से हरिद्वार में कांग्रेस मजबूत होगी। इंटक के राष्ट्रीय सचिव राजबीर चैहान ने कहा कि इंटक के आज तीन करोड़ से ज्यादा सदस्य पूरे भारत में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जितेंद्र कुमार व इंटक यूथ के मंडल अध्यक्ष नीरज भंडारी ने कहा कि वंदना गुप्ता और सचिन जॉन के नेतृत्व से संगठन मजबूत होगा और नई टीम साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत भागीदारी निभाएगी। नवनिर्वाचित इंटक महिला जिलाध्यक्ष वंदना गुप्ता ने संगठन के शीर्ष नेताओं का आभार जताते हुए विश्वास दिलाया कि गरीब, मजदूर हितों की आवाज निडर होकर उठाएंगी। कहा कि किसी भी स्तर पर महिला श्रमिकों व मजदूरों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शहर अध्यक्ष सचिन जॉन ने भी संगठन मजबूती का भरोसा दिलाया। बैठक मे मंजीत, अनिल ठाकुर, जितेन्द्र नवानी ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली। तरुण व्यास, सुजीत भारद्वाज, दीपक पांडेय, वेदांत उपाध्याय, यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष आकाश भाटी, सेवादल विधानसभा अध्यक्ष नितिन यादव, रमणीक सिंह, शरद कुमार, टिकू गोस्वामी, करन राणा, महेंद्र, रिकू, पुनीत आहूजा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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