हरिद्वार। भेल सेक्टर दो स्थित गुरुनानक दरबार गुरुद्वारे में दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे पहुंचकर गुरु ग्रंथ साहिब के आगे माथा टेका। चंडीगढ़ वाले ढाढी जत्थे के भाई गुरुदेव सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को निहाल किया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु गोबिंद सिंह का परिवार बलिदानियों का परिवार था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर, चारो साहिबजादों ने भी देश और कौम के लिए शहीदी दी। इस अवसर पर भेल ईडी संजय गुलाटी ने कहा कि गुरुओं के बताए मार्ग पर चलकर मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है। अपनी संस्कृति और महापुरुषों के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। गुरुद्वारे के प्रधान सुखदेव सिंह ने बताया कि 15 से 22 जनवरी तक रोजाना प्रभात फेरी निकाली गई। 22 जनवरी से अखंड पाठ आरंभ किया गया जिसका समापन 24 जनवरी को किया गया और गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। विशेष दीवान सजाकर भाई सरबजीत सिंह द्वारा शब्द कीर्तन सुनाया गया। जिसके उपरांत अटूट लंगर बरताया गया। इस अवसर पर उजल सिंह, हरभजन सिंह, अमरदीप सिंह, जसविंदर सिंह, करमजीत सिंह, जेएस सड़ाना, बलबीर सिंह, अनूप सिंह, विक्रम सिंह आदि प्रमुखा रूप से उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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