हरिद्वार। पुलिस महानिदेशक की पहल पर पुलिस ने सामाजिक दायित्व के तहत भिक्षा नहीं शिक्षा मुहिम में जुड़ते हुए सोमवार शाम को सिडकुल इंडस्ट्री एसोसिएशन हरिद्वार के पदाधिकारियों के द्वारा आईजी कुम्भ मेला से उनके मेला नियंत्रण भवन स्थित कार्यालय में भेंट की गई। इस दौरान 148 भिक्षुकों के लिये गर्म वस्त्र बांटने के लिए दिए गए। गर्म वस्त्रों में एक जोड़ी गर्म हुड-लोवर और एक जोड़ी इनर थर्मल वियर शामिल हैं। बीते दिनों आईजी मेला संजय गुंज्याल द्वारा 103 भिक्षुकों को भिक्षुक गृह लाया गया। आईजी कुम्भ के आह्वान पर कई भिक्षुकों ने भिक्षावर्ति छोड़कर सम्मानजनक जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की। जिस पर मेला पुलिस ने भिक्षुकों ने संविदा पर ड्यूटी करने का निर्णय लिया था। सोमवार को भिक्षुकों के लिए उद्यमियों ने गर्म कपड़े सौंपे। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की प्रेरणा से संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला 2021 के नेतृत्व में हरिद्वार क्षेत्र में भिक्षा नही शिक्षा मुहिम चलाई जा रही है। मुहिम में भिक्षावर्ति पर अंकुश लगाने के लिये परंपरागत तरीके भिक्षुकों को पकड़ कर भिक्षुक गृह में बन्द न करके उनको स्वालम्बी बनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। आईजी ने भिक्षुकों को स्वालम्बी बनकर जीवनयापन करने हेतु दिशा दिखाते हुए कहा गया कि जो भी भिक्षुक भिक्षावर्ति छोड़कर सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं ऐसे भिक्षुकों की कुम्भ मेला पुलिस हर तरह से सहायता करेगी। आईजी कुम्भ के इस आवाहन पर कई भिक्षुकों ने भिक्षावर्ति छोड़कर सम्मानजनक जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की। इस मौके पर एसएसपी कुंभ मेला जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी, उद्यमी हरेंद्र गर्ग, मनमोहन जैन, जगदीश लाल पाहवा, एमएल आहूजा, एसपीएस गौतम, गौरव भसीन, अजीत सक्सेना, राजेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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