हरिद्वार। जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय पंजीकरण नियमावली-2014 के प्रख्यापित की गयी है। उक्त नियमावली में पंजीकरण के बिना होटलों,गेस्ट हाउस,लाज,रिजोर्ट,धर्मशाला,आश्रम ट्रैवल एजेन्सी,पेइंग गेस्ट हाउस आदि का संचालन किया जाना नियम विरूद्ध है। ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड में होटलों,गेस्ट हाउस,लाज आदि आवासीय सुविधा प्रदान करने वाली इकाईयों का पूर्व में सराय एक्ट-1867 के अन्तर्गत किया जाता था, जिसके स्थान पर वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रख्यापित की गयी उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय पंजीकरण नियमावली-2014 में निहित प्राविधानों के अनुसार होटलों,गेस्ट हाउस,लाज इत्यादि सभी आवासीय इकाईयों का पंजीकरण पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में होटलों,गेस्ट हाउस इत्यादि सभी आवासीय इकाईयों के नियमानुसार संचालन हेतु पर्यटन विभाग के अतिरिक्त किसी अन्य विभाग,संस्था द्वारा होटल आदि का पंजीकरण नहीं किया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि आगामी आयोजित होने वाले महाकुम्भ 2021 में यात्रियों,श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या में आवागमन होने के दृष्टिगत् विभाग द्वारा यात्रियों,पर्यटकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने वाली इकाईयों का डाटा संकलन करने में भी अपंजीकृत रूप से संचालित इकाईयों का कोई विवरण कार्यालय में उपलब्ध न होने के कारण जनपद में वास्तविक रूप से संचालित कुल आवासीय इकाईयों की संख्या एवं उसमें उपलब्ध आवासीय क्षमता का भी आंकलन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। अतः आगामी कुम्भ में यात्रियों,पर्यटकों,श्रद्धालुओं के भारी संख्या में आवागमन के दृष्टिगत् उनकी जनपद में अपंजीकृत रूप से संचालित ऐसी सभी आवासीय इकाईयां जो यात्रियों,पर्यटकों को आवासीय,रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध करवाती हैं के प्रोपाराइटर,संचालकों को सूचित किया जाता है कि आप अपनी पर्यटन इकाई,होटल आदि का पंजीकरण पर्यटन विभाग की वेबसाईट कराना सुनिश्चित करें। पंजीकरण नही कराने वालें होटलो,गेस्ट हाॅउसों,लाॅज संचालकों के विरूद्व दस हजार जुर्माना लगाने की कार्यवाही की जायेगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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