हरिद्वार। कुंभ मेले में अखाड़ों की तर्ज पर श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट को भूमि आवंटन के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई। ट्रस्ट के अध्यक्ष और ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने इस संबंध में मेलाधिकारी दीपक रावत को मांग पत्र सौंपा। सुरेश राठौर ने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट को वर्ष 2010 में भी अन्य अखाड़े, आश्रमों की भांति समय से भूमि आवंटित करते हुए सभी सुविधाएं दी गई थीं। लेकिन इस कुंभ में अभी तक पीठ को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिससे समाज के लोगों में रोष है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ट्रस्ट एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करती है। इस वर्ष होने वाले कुंभ मेले में भूमि आवंटन किया जाए, उन्होंने कहा कि मेले में श्री गुरु रविदास संप्रदाय के लोग पूरे देश से पहुंचेंगे। उनके ठहरने के लिए टेंट और सत्संग के लिए पंडाल की सुविधा के साथ ही चाहरदीवार कर टीनशेड लगवाया जाए। शौचालय, स्नानग्रह, वाचनालय और बिजली-पानी व सफाई व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने कहा कि लगभग 50 हजार वर्ग फुट भूमि में टेंटों की सुविधा के लिए दिव्य प्रेम सेवा मिशन के सामने वाले स्थान पर भूमि आवंटित की जाए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment