हरिद्वार। कटहरा बाजार में सीवर लाईन चैक होने से बाजार में फेली गंदगी से गुस्साए शहर व्यापार मंडल ज्वालापुर के अध्यक्ष विपिन गुप्ता व महामंत्री विक्की तनेजा के नेतृत्व में व्यापारियों ने जल संस्थान के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने अव्यवस्थाओं को दूर करने की मांग की। शहर अध्यक्ष विपिन गुप्ता ने कहा कि बाजार खुलने से पहले ही बाजार में सीवर लाईन चोैक होने से सड़कों पर फैली गंदगी से व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जल संस्थान के अधिकारियों को सूचना दिए जाने के बावजूद डेढ़ बजे तक कोई अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते सीवर चैेक होने से फैली गंदगी के कारण व्यापारी घंटों परेशान रहे। महामंत्री विक्की तनेजा ने कहा कि एक ओर कुम्भ मेले के कार्य प्रगति पर है। कोरोना, बर्ड फ्लू, जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सरकार संघर्ष कर रही है। दूसरी तरफ ज्वालापुर शहर चारों ओर से उपेक्षा का शिकार है। न कोई जन प्रतिनिधि ज्वालापुर के लिए गंभीर है, न ही प्रशासन। ज्वालापुर सरकार को सर्वाधिक राजस्व जमा करवाने वाला व्यवसायिक नगर है। सभी जाति धर्म के लोग यहां निवास करते है। पूर्व में कुंभ निधि से होने वाले विकास कार्यो का लाभ ज्वालापुर को भी मिलता रहा है। नालों की सफाई, बिजली संबंधी कार्य व सड़कों का निर्माण कुंभ निधि से ज्वालापुर में कराया जाता था। लेकिन बार ज्वालापुर की पूरी तरह उपेक्षा की गयी। जिससे स्थानीय निवासी बेहद आहत हैं। प्रदर्शन करने वालों मे आशीष मेहता, गौरव गोयल, अनिरुद्र मिश्रा, वासु मेहता, गौरव जैसिंह, लोकेश कुमार, शाहिद, राजीव चैहान, अमित गुप्ता, दानिश, नंदकिशोर, संदीप सांसरिया, पंकज वर्मा आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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