हरिद्वार। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमारी गिरि के जनपद भृमण कार्यक्रम के दौरान ज्वालापुर मंडी गैस्ट हॉउस में विश्वगुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद गिरि के संयोजन मे प्रदेश महामंत्री विशाल गोस्वामी, महिला प्रदेश अध्यक्ष बिंदु गिरि, महिला जिलाध्यक्ष संगीता गिरि, मिथलेश गिरि, मनोज गिरि, अमित गिरि ने स्मृति चिह्न देकर व फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमारी गिरि ने कहा कि गोस्वामी समाज की बहन बेटियों व भाइयों को समाज की मजबूती के लिए शिक्षा के प्रति जागरूक होकर समाज सेवा मे बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए, तभी गोस्वामी समाज तरक्की के आयाम को छू पायेगा। शिक्षा से समाज मे मान सम्मान के साथ साथ राजनीति, सरकारी पदों पर बैठने से समाज का विकास होगा। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में गोस्वामी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और आगे भी रहेगा। अपने बच्चों को रामायण, गीता, पुराण का अध्ययन कराना चाहिए। गोस्वामी समाज को एकता के सूत्र मे बांधकर समाज के गणमान्य प्रतिष्ठित लोगों को राजनीति में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए, तभी गोस्वामी समाज की तरक्की संभव है। इस मौके पर विश्व गुरु शंकराचार्य दशनाम गोस्वामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद गिरि ने कहा कि राजकुमारी गिरि ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी मे अपनी मेहनत व लग्न से प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर सम्मान पाकर गोस्वामी समाज का उत्तराखण्ड मे मान बढ़ाया है। प्रदेश महामंत्री विशाल गोस्वामी व महिला जिलाध्यक्ष संगीता गिरि ने सयुंक्त रूप मे कहा कि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमारी गिरि बड़ी सरल मृदुभाषी होने के साथ साथ समाज के दबे कुचले लोगों की आवाज है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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