हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम में युवा भारत साधु समाज की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संतो ने कनखल क्षेत्र को प्रेमनगर चैक हाईवे से जोड़ने वाले संत महेंद्र सिंह मार्ग को नगर निगम द्वारा डंपिंग जोन बनाए जाने का विरोध किया। महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि एक संत के नाम पर बने मार्ग पर नगर निगम डंपिंग जोन बनाकर कूड़ा डाल रहा है। संतो का अपमान युवा भारत साधु समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। बार बार कहने पर भी कूड़ा मार्ग पर डाला जा रहा। अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। धर्मनगरी में महाकुंभ शुरू हो गया है और संतो के नाम वाले मार्ग को कूड़ा मार्ग बना दिया गया। जब अधिकारियों को विरोध जताया जाता है तब कूड़ा हटा देते है। लेकिन अगले दिन पुनः कूड़ा डालना शुरू किया जाता है। युवा भारत साधु समाज उक्त मार्ग से कूड़े की पेटियो को हटाने की मांग करता है। कोषाध्यक्ष महंत सुतीक्ष्ण मुनि ने कहा कि अभी तो सिर्फ बैठक कर अधिकारियों को कहा जा रहा है। कूड़े की पेटियां नहीं हटाई गई तो अधिकारियों के कार्यलय पर धरना दिया जाएगा। जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। उपाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि प्रशासन संतो का अपमान कर रहा है। कई बार अनुरोध करने पर भी कूड़ा डालना बन्द नहीं किया गया। जिसके कारण संतो में भारी रोष व्याप्त है। अब बैठक नहीं अधिकारियों का घेराव होगा। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी महंत दिनेश दास, महंत लोकेश दास, महंत सुमित दास, महंत ओमानंद, महंत सर्वानंद, महंत गुरुमुख दास, महंत श्याम प्रकाश, संत त्रिलोचन सिंह, महंत प्रेमानंद, महंत प्रेमदास, स्वामी रुप्रानंद, आचार्य डॉ हरिहरानंद, महंत मोहन सिंह, महंत श्रवण मुनि, महंत रविंद्रानंद, महंत कृष्ण गिरी, स्वामी विनोद महाराज, महंत सूरज दास, स्वामी पुष्पेंद्र, महंत राजकुमार, संत मंजीत सिंह आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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