हरिद्वार। प्रदेश व्यापार मंडल की शाही यात्रा गुरुद्वारा सिंह सभा ललितारो पुल से प्रारंभ हुई, जिसमें भारी संख्या में व्यापारियों ने भाग किया। कार्यक्रम संयोजक जतिन हांडा ने कहा कि इतिहास में कभी भी व्यापारियों ने कुंभ मेले का प्रथम स्नान मकर सक्रांति पर्व का कभी नहीं किया। यात्रा के दौरान उन्होंने प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए। कई बार यात्रा को रोकने का प्रयास किया गया। अन्य क्षेत्रों से आ रहे व्यापारियों को बेरिकेट पर ही रोक दिया गया। परंतु व्यापारियों शांतिपूर्वक ब्रह्मकुंड जाकर पुण्य की डुबकी लगाई और मां गंगा से कामना की शासन को सद्बुद्धि दे। जल्द ही कुंभ का नोटिफिकेशन जारी हो। ताकि हरिद्वार का व्यापार पुनः चल सके। आज भी व्यापारियों की दुकानों में ताले लटके हुए हैं। परंतु सरकार ने अभी तक व्यापारियों की किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की। बिजली पानी के बिलों में कोई छूट भी उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में अगर कुंभ मेला विलम्ब से शुरू होता है तो व्यापारी पूरी तरह टूट जाएगा। सभी व्यापारियों ने आज सड़क पर उतर कर मां गंगा में डुबकी लगाकर देश विदेश से श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने के लिए आमंत्रित किया। यात्रा में जय गंगा मैया के जयकारों के साथ व्यापारियों ने स्नान किया। यात्रा में मुख्य रूप से सरक्षक सुरेश भाटिया, प्रदेश अध्यक्ष संजीव चैधरी, जिला अध्यक्ष शिव कुमार कश्यप, जिला महामंत्री तेज प्रकाश साहू, महानगर अध्यक्ष मयंक मूर्ति भट्ट, महामंत्री सुमित अरोड़ा, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण शर्मा, जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र वधावन, सुनील प्रजापति, सतीश चंद शर्मा, शहर अध्यक्ष श्रवण गुप्ता, सुभाष घाट व्यापार मंडल अध्यक्ष आदेश मारवाड़ी, हेमंत कश्यप, दीपक गुनियाल, हिमांशु राजपूत, दीपचंद, सरदार कोमल सिंह, पार्षद अनुज सिंह, विभास सिन्हा, ऋषभ शर्मा, कुलवंत चड्डा, गंगा शरण चंदेरिया, महेंद्र अशोक गिरी, विमल शर्मा, राजकुमार अग्रवाल, मनोज सिरोही, आशीष जैन, दिनेश पांडे, गोकुल सिंह रावत सुदीश सोती, प्रणय पंच भैया, सूरज मल्होत्रा, अंकित चुग, महिंद्र अरोड़ा दीपक नेगी आदि व्यापारी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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