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स्वामी कैलाशानंद महाराज बने निरजनी अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर

संतो,राज्यपाल,राजनेताओं की मौजूदगी में धूमधाम से हुआ पटट्ाभिषेक

संत महापुरूषों की कृपा से विश्व में भारत का अलग स्थान-महामहिम राज्यपाल
 हरिद्वार। प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि संत परंपरा भारत को महान बनाती है। जिसका निर्वहन परंपरागत रहे। हम सभी भारतवासी संत महापुरूषों के आशीर्वाद से पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखते हैं। स्वामी विवेकानंद जयंती और मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर सभी युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद के आदर्शो को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग करें। निंरजनी अखाड़े में आयोजित स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज मकर संक्रांति के पावन पर्व तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महाण्डलेश्वर पद पर विराजमान हो रहे हैं। मां दक्षिण काली की कृपा से निरंजन पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में भारत की परंपरा को और ऊंचाईयां प्रदान करेंगे। जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्राश्रम महाराज ने स्वामी कैलाशानंद महाराज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि सर्वसम्मति से अखाड़े द्वारा उन्हें आचार्य नियुक्त किया गया है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज देश दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर भारत का मान बढ़ाएंगे। संत समाज उनसे ऐसी आशा करता है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुभकानाएं देते हुए कहा कि विद्वान संत स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में निंरजनी अखाड़ा सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के उत्थान में सशक्त भूमिका का निवर्हन करेगा। उन्होंने कहा कि देश विदेश में सनातन धर्म व संस्कृति प्रचार प्रसार किया जाना नितांत जरूरी है। दुनिया भर के देश सनातन धर्म व संस्कृति को अपना रहे हैं। भारतवासियों के लिए यह गौरव की बात है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने निरंजनी अखाड़े के नवनियुक्त आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी एक विद्वान महापुरूष हैं। हम आशा करते हैं कि वे अखाड़े की पंरपरांओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र कल्याण में अपना अहम योगदान प्रदान करेंगे और संत महापुरूषों की सेवा करते हुए अखाड़े को निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर करेंगे। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान करना चाहिए। आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि योग्य व विद्वान संत को ही अखाड़े के आचार्य पद पर अभिशिक्त किया जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान व तपस्वी संत हैं। जो अपने तप व विद्वता के माध्यम से देश दुनिया में जाने जाते हैं। संपूर्ण संत समाज स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज से आशा करता है कि वे सनातन परंपरांओं का निर्वहन करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निंरजनी के नाम को दुनिया भर में रोशन करेंगे। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि आचार्य ही अखाड़े का नेतृत्व कर अखाड़े को नई दिशा प्रदान करते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के आचार्य बनने के बाद अखाड़े की प्रतिष्ठा में और वृद्धि होगी। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि अखाड़ों की पंरपराएं सनातन धर्म की संवाहक हैं। जिन्हें कई बार विरोधी ताकतों द्वारा नष्ट करने का प्रयास किया गया। परंतु संतों के तप बल और अखाड़ों की परंपरांए मजबूत होने के कारण उनके मंसूब कामयाब नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सभी अखाड़ों के अपने अधिकार हैं। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की पहचान संत महापुरूषों से है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का निरंजनी अखाड़े का आचार्य बनना सभी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने सदैव समाज का मार्गदर्शन कर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाया है। संपूर्ण समाज उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के नवनियुक्त आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो दायित्व अखाड़े द्वारा उन्हें सौंपा गया है उसका पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करते हुए देश दुनिया में सनातन धर्म व संस्कृति का प्रचार प्रसार कर अखाड़े की गरिमा को और गौरवान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी संत महापुरूषों हमारे पूज्यनीय हैं। सबके साथ मिलजुल कर अखाड़े को उन्नति की ओर अग्रसर किया जाएगा। कुंभ मेला भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा। 

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