हरिद्वार। कमल मिश्रा-इडियन एसोसिएशन ऑफ योगा दिल्ली और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय योग विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलन का आयोजन 20 और 21 फरवरी को होने जा रहा है। सम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया। योग सम्मेलन में 150 से अधिक शोध पत्रों में से चयनित 50 उत्कृष्ट शोध पत्रों का वाचन विभिन्न सत्रों में किया जाएगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर कामाख्या कुमार ने बताया कि इस वर्ष का कार्यक्रम कोविड नियमों का पालन करते हुए छोटे प्रारूप में आयोजित की जा रहा है। इस सम्मेलन में देश भर के ख्याति प्राप्त विद्वानों के विशिष्ट व्याख्यान सत्र आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन में ऑनलाइन माध्यम से भी शोध पत्र तथा व्याख्यान प्रस्तुत किये जाएगे। बैठक में आयोजन समिति के सचिव डा. लक्ष्मी नारायण जोशी, शोध छात्र शिवचरण नौडियाल, अनूप बहुखंडी, अनुपम कोठरी, रितेश गुप्ता, मोहित लोहान, आशीष सेमवाल आदि शामिल रहे। योग सम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए गुरूवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की गई 2 दिन तक चलने वाले योग सम्मेलन में 150 से अधिक शोध पत्रों में से चयनित 50 उत्कृष्ट शोध पत्रों का वाचन विभिन्न सत्रों में किया जाएगा। इस वर्ष का कार्यक्रम कोविड नियमों का पालन करते हुए छोटे प्रारूप में आयोजित की जा रहा है इस सम्मेलन में देश भर के योग में ख्याति प्राप्त विद्वानों के विशिष्ट व्याख्यान सत्र आयोजित किए जाएंगे होंगे आमंत्रित विद्वान विभिन्न सत्रों में अपने वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे सम्मेलन में ऑनलाइन गूगल मीट में के माध्यम से भी शोध पत्र तथा व्याख्यान प्रस्तुत किये जाएगें इसके लिए आयोजन समिति ने विशेष इंतजामात किये गये है। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर कामाख्या कुमार ने बताया कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ योगा और योग विज्ञान विभाग उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में यह सातवा अंतरराष्ट्रीय शोध सम्मेलन है। बैठक में आयोजन समिति के सचिव डाक्टर लक्ष्मी नारायण जोशी, शोध छात्र शिवचरण नौडियाल, अनूप बहुखंडी, अनुपम कोठरी, रितेश गुप्ता, मोहित लोहान, आशीष सेमवाल, आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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