हरिद्वार। कुम्भ मेले के दौरान आगजनी की घटना को रोकने के लिए अग्निशमन विभाग भी चाक-चैबंद सुरक्षा व्यवस्था मे जुटा हुआ है। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देश पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी एन एस कुंवर लगातार संवदेन एवं अति संवदेनशील भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों के अलावा सभी प्रमुख स्थानों के साथ ही तमात होटलों,धर्मशालाओं , मठ मन्दिरों में जाकर मौके का मुआयना कर तैयारियों को परख रहे है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी नरेन्द्र सिंह.कुवंर ने अखाड़ों में लगने वाली छावनियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर अधिनस्थों को निर्देश के साथ साथ समीक्षा कर रहे है। उनका कहना है कि चूंिक गर्मी सीजन की शुरूआत हो रही है और बड़ी संख्या में टेंट लगाये जा रहे है, हर तरफ बड़ी संख्या में लोगों के रहने की संभावना के दृष्टिगत विभाग सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नही बरतना चाहता। मुख्य अग्निशमन अधिकारी के निर्देश पर जहां अग्नि शमन अधिकारी एस.पी.नेगी लगातार व्यस्तम क्षेत्रों के अलावा उन मठ मन्दिरों में जाकर पहले ही लगे एस्टिंगयूशर यानि अग्निशमन यंत्रों की जाॅच-परख कर आवश्यक सुझाव दे रहे है। वही सभी होटल संचालको,धर्मशाला प्रबधंको,अखाड़ो,आश्रमों को आग से सुरक्षा के उपाय के सम्बन्ध में सुझाव दिए जा रहे है। कुम्भ मेले के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी न हो,इसके लिए लगातार जरूरी कदम उठाये जा रहे है। अग्निशमन अधिकारी एस.पी.नेगी ने प्रसिद्व मंशा देवी मन्दिर पहुचकर परिसर में लगे एक दर्जन से अधिक एस्टिंगयूशर स्लेंडर में प्रेशर तथा उपयुक्त स्थानों पर लगे होने की जाॅच की। और मंदिर में कार्यरत कर्मचरियों को आग लगने के बाद स्लेंडर को इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया।इस दौरान उनके साथ अग्निशमन काॅस्टेबल सुरेन्द्र रावत ने कुछ दुकानों में भी जाकर स्थिति का मुआयना करने के अलावा अग्निशमन यंत्र लगाने के सुझाव दिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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