हरिद्वार। तीनों बैरागी अणियों ने खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग करते हुए अखाड़ा परिषद के चुनाव की मांग की है। 18 बैरागी अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाली अणियों के प्रतिनिधियों ने पत्रकार वार्ता कर इसकी घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में शामिल सभी संन्यासी अखाड़े अपना तो काम करा रहे हैं, लेकिन बैरागी अखाड़ों के कामकाज और मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बैरागी कैंप क्षेत्र में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान बाबा हठयोगी, महंत दुर्गा दास, महंत रामशरण दास और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अध्यक्षाचार्य ने आरोप लगाया कि न तो सरकार और न ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बैरागी अखाड़ों की कुंभ अवस्था को लेकर उनकी मांग पर कोई ध्यान दे रहा है। उन्होंने अखाड़ा परिषद को भंग करने का एलान करते हुए नए सिरे से चुनाव कराने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि नई अखाड़ा परिषद में परंपरा के अनुसार अध्यक्ष और महामंत्री का पद संन्यासी और बैरागी अखाड़ों के बीच ही होगा। अध्यक्ष और महामंत्री पद पर सन्यासियों का कब्जा है। जिस कारण बैरागी संतों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सन्यासी संत सरकार से अपने सारे निर्माण कार्य एवं स्थाई कार्य करा रहे हैं और बैरागी संतो को नजरअंदाज कर रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाबा हठयोगी ने कहा कि 1 माह के भीतर अखाड़ा परिषद का दोबारा चुनाव कराया जाएगा और वैधानिक तरीके से अध्यक्ष और महामंत्री को चुना जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष शासन प्रशासन के साथ मिलकर बैरागी संतो की उपेक्षा कर रहे हैं, जो बहुत ही दुख की बात है। उन्होंने कहा कि वृंदावन मेले के बाद लाखों की संख्या में वैरागी संत हरिद्वार कूच करेंगे। यदि शासन प्रशासन संतो को सुविधा उपलब्ध कराता है तो ठीक है अन्यथा तीनों बैरागी अखाड़े और उनके खालसे अपने स्तर पर कुंभ की तैयारियां करेंगे फिर चाहे शासन गोली चलाए या डंडे चलाए बैरागी संत अपना कुंभ अपने स्तर पर करेंगे। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा है कि शासन प्रशासन से लगातार मांग करने के बाद भी बैरागी संतों के कोई भी कार्य नहीं किए जा रहे हैं। लगातार उपेक्षा से परेशान संतो को दुख के साथ यह निर्णय लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बैरागी अखाड़े अब अपने स्वयं के स्तर से शाही स्नान धर्म ध्वजा के साथ-साथ कुंभ से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाएं स्वयं उपलब्ध कराएंगे। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के सचिव महंत रामशरण दास महाराज ने कहा है कि अनादि काल से बैरागी कैंप में बैरागी संत शिविर आदि लगाते आए हैं। कोरोनावायरस को बहाना बनाकर बैरागी संतो के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। अतिक्रमण के नाम पर मेला प्रशासन भी बैरागी संतो को बरगला रहा है। कुंभ के नाम पर प्रशासन किसी तरह का सहयोग नहीं कर रहा है। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाएगा और वैधानिक तरीके से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि बैरागी संतो की उपेक्षा किया जाना सरासर गलत है। यदि सरकार मूलभूत सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराती है तो वैरागी संत आंदोलन के तौर पर राम नाम का जप करेंगे और अपनी परंपरा अनुसार शाही स्नान करेंगे। आज तीनों बैरागी अखाड़ों के संतों ने अखाड़ा परिषद की वर्तमान कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इस दौरान महंत प्रह्लाद दास, महंत राजेंद्र दास, महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, स्वामी अमित दास आदि संत मौजूद रहे।
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