हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज, आनन्द पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी, जूना अखाड़े के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत विद्यानन्द सरस्वती, मनसादेवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, निरंनजी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज आदि सहित धर्मनगरी हरिद्वार के समस्त संत समाज ने राज्य के चमोली जनपद में ग्लेशियर फटने के बाद नदियों में आयी बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए सरकार से मृतकों के परिजनों को अधिक से अधिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड में आयी प्राकृतिक आपदा ने प्रत्येक व्यक्ति को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा कि संत समाज आपदा प्रभावितों व उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता है तथा सरकार से मांग है कि आपदा प्रभावित सभी परिवारों को पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराए। आपदा व दुख की इस घड़ी में अखाड़ा परिषद व संपूर्ण देश का संत समाज सरकार के साथ है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज व आनन्द पीठाीधश्वर म.म.स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि ग्लेशियर फटने से बाढ़ के रूप में आयी आपदा से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है। संत समाज इसे लेकर दुखी है। अखाड़ा परिषद व संत समाज भी अपनी ओर प्रभावितों की मदद करेगा। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की फेरूपुर शाखा के कारोबारी महंत निर्मल दास महाराज, श्रीमहंत महेश्वरदास व कुंभ मेला प्रभारी मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद आई त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक मजदूरों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद उत्तराखंड में यह सबसे बड़ी आपदा का घटित होना पूरा उत्तराखंड सहित देश के लिए खेद का विषय है उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। लापता लोगों के जल्द से जल्द तलाश की जानी चाहिए उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि प्राकृतिक संपदा के साथ छेड़छाड़ ना की जाए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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