हरिद्वार। अपर मेलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र ने कुंभ के लिए चल रहे कार्य स्थल पर सम्पूर्ण विवरण के साथ बोर्ड लगाने के निर्देश दिये, जिसमें कार्य की लागत, प्रारंभ और कार्य समाप्त होने की तिथि, संबंधित अधिकारी और संबंधित ठेकेदार का नाम, मोबाइल नंबर और किसी भी तरह की शिकायत के लिए भी नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज होना चाहिये। अपर मेलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र ने आज सीसीआर स्थित मेला नियंत्रण भवन में अपने कक्ष में कुंभ कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो भी कार्य हो रहे हैं उसमें गुणवत्ता के बिंदु पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी सेल कार्योँ की मानीटरिंग कर अपनी रिपोर्ट समय से अवश्य दें। तकनीकी सेल के अधीक्षण अभियंता हरीश पांगती ने कहा कि सभी कार्य शासनादेश के अनुसार होने चाहिए। अपर मेलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में कहां-कहां रैन बसेरे बनने हैं कि जानकारी लेते हुये हर हाल में रैन बसेरों के कार्य बीस फरवरी तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने फायर वाच टावर बनने के प्रगति की भी समीक्षा की, जिस पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता श्री दीपक कुमार ने बताया कि कुल दस वाच टावर बनने थे, जिसमें से तीन जगह फायर वाच टावर बन चुके हैं। अपर मेलाधिकारी ने समन्वय स्थापित करते हुए काम को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने ज्वालापुर क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य को 25 फरवरी से पहले ही पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने मेला क्षेत्र में जहां भी मलबा पड़ा है उसे कार्यदायी विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए तत्काल हटवाएं। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के समय यदि मलबा नहीं हटा होगा तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अस्थायी घाटों का निर्माण कार्य एक सप्ताह में पूरा करने के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर उप मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एसके गर्ग के अलावा विभाग के संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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