हरिद्वार। ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा मूल स्थान प्राप्ति को लेकर श्री गुरूनानक देव जी धर्म प्रचार के कमेटी के पदाधिकारियों ने निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से भंेटवार्ता कर जल्द से जल्द मूल स्थान प्राप्ति को लेकर विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान ज्वालापुर गुरूद्वारे के प्रधान सत्यपाल सिंह चैहान ने कहा कि गुरूद्वारा ज्ञान गोदड़ी के मूल स्थान प्राप्ति को लेकर काफी अर्से से सिख समाज आन्दोलन कर रहा है लेकिन राज्य सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ मेला प्रारम्भ हो चुका है। ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा मूल स्थान प्राप्ति को लेकर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कमेटी भी गठित की गयी थी लेकिन कमेटी द्वारा भी अब तक कोई भी ठोस पहल नहीं की गयी है। ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा मूल स्थान अतिशीघ्र दिया जाना चाहिए। सिक्ख समाज की भावनाओं का सम्मान शासन-प्रशासन व राज्य सरकार को करना चाहिए। भेल सेक्टर 2 गुरूद्वारे के प्रधान सुखदेव सिंह ने कहा कि कई बार शासन-प्रशासन द्वारा ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा के लिए मूल स्थान देने की बात कही गयी थी लेकिन इस मामले को लेकर सरकार व प्रशासन गंभीरता नहीं अपनाना रहा है। जल्द से जल्द ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा मूल स्थान देने की पहल सरकार को करनी चाहिए। अनूप सिंह सिद्धू व बलविन्दर सिंह ने कहा कि सरकार को सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए मूल स्थान देना चाहिए। उन्हांेने कहा कि कमेटी को अतिशीघ्र सरकार से ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा मूल स्थान प्राप्ति के लिए आग्रह करना चाहिए। निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि कमेटी के सदस्य लगातार ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा के मूल स्थान प्राप्ति को लेकर वार्ता कर रहा है। जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से मुलाकात कर ज्ञान गोदड़ी गुरूद्वारा के मूल स्थान प्राप्ति के लिए मांग की जायेगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment