हरिद्वार। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा है कि राज्य सरकार कोरोना नियमों को सरल बनाए। साथ ही उत्तराखण्ड आने वाले यात्री श्रद्धालुओं का अधिक से अधिक वैक्सीनेशन किया जाए। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में प्रैस को जारी बयान में स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था कुंभ मेले से जुड़ी हैं। 12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कुंभ मेले का आयोजन होता है। प्रत्येक श्रद्धालु की भावना होती है कि वह कुंभ मेले में हरिद्वार जाकर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करे। ऐसे में सरकार द्वारा कोरोनावायरस लेकर अत्यधिक सख्ती बरतना न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को अधिक से अधिक कोरोना का टीकाकरण करना चाहिए। जिससे कुंभ के आयोजन पर कोई प्रतिकूल असर ना पड़े। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों की सख्ती से जहां एक और व्यापारी वर्ग परेशान है। वहीं अन्य लोगों का रोजगार भी धर्म नगरी हरिद्वार में आने वाले यात्री श्रद्धालुओं पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि संत समाज भी श्रद्धालु यात्रियों से मिलने वाले दान दक्षिणा के आधार पर ही आश्रम अखाड़ों का संचालन करता है। ऐसे में यदि यात्री श्रद्धालुओं के साथ बॉर्डर पर सख्ती बरती जाएगी तो कुंभ का आयोजन कैसे सफल होगा। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों का ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को कोरोना नियमों में शिथिलता बरतनी चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर मूलभूत सुविधाएं प्रदान करते हुए कुंभ के आयोजन को सफल बनाने का हर संभव प्रयास करें। इस दौरान महंत विकास गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, स्वामी सत्यानंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी, नंदकिशोर, सुनील दत्त आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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