हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में सेवानिवृत्त हुए शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वास्थ्य एवं मंगलमय जीवन की कामना की। कुलपति ने कहा कि विगत वर्ष कोविड-19 महामारी के चलते समस्त विश्व को भारी दिकत्तों का सामना करना पड़ा। इसी के चलते गुरुकुल परिवार ने भी अपने दो सदस्यों को खो दिया, जिसका समस्त गुरुकुल परिवार को खेद है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर ले जाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम भी अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा के साथ कर विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर ले जाने में अपना योगदान दें। कुलसचिव प्रो. दिनेश भट्ट ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सेवानिवृत्त प्रो. विनोद कुमार शर्मा, प्रो. ईश्वर भारद्वाज, प्रो. सन्तराम वैश्य, प्रो. पदमा सिंह, शिक्षकेत्तर कर्मचारी डा. मदन गोपाल उपाध्याय एवं रजत सिन्हा को बधाई दी। सेवाकाल में उनके द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके सुखद एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री एवं कुलसचिव प्रो. दिनेश चन्द्र भट्ट व परीक्षा नियंत्रक प्रो. एमआर वर्मा ने शॉल पहनाकर व पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। समारोह में कन्या गुरुकुल परिसर, हरिद्वार की समन्वयक प्रो. नमिता जोशी, प्रो. श्रवण कुमार शर्मा, प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. निपुर, शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र त्यागी, शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के महामंत्री दीपक वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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