हरिद्वार। व्यापारियों ने मुख्य स्नानों पर अस्थि प्रवाह पर रोक लगाए जाने पर रोष प्रकट किया है। खड़खड़ी में संपन्न हुई महानगर व्यापार मंडल के व्यापारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने आगामी अमावस्या एवं बसन्त पंचमी स्नान पर कोविड रिपोर्ट की बाध्यता ओर अस्थि प्रवाह की रोक पर रोष जताते हुए कहा कि पहले से त्रस्त व्यापारियों के ऊपर ये कुठाराघात है। कोविड रिपोर्ट की बाध्यता से श्रद्धालु आगामी स्नानों पर हरिद्वार नही आ पायेगा। जिससे व्यापार प्रभावित होगा। दूसरी तरफ अस्थि प्रवाह पर रोक लगाना तो बिल्कुल ही उचित नही है। जिस व्यक्ति को उस दिन अस्थि लानी हो वो भी कोविड की रिपोर्ट के चक्कर में ना आ सके ये कौन सा कानून कहता है। अस्थि प्रवाह पर किसी को भी रोकना ओर कोविड की बाध्यता न्याय संगत नही। यदि आगामी स्नानों पर सरकार ऐसा ही करना चाहती है तो व्यापारिेयों को मुआवजा दे। व्यपारियो के बिजली, पानी के बिल ,स्कूलों की फीस माफ करे। साथ ही व्यापारियों के खाते में सीधा पैसा डाले। अन्यथा उसे उसके हाल पर छोड़े। क्योकि अगर ऐसा ही रहा तो व्यापारी कोरोना से मरे या न मरे, लेकिन भुखमरी से जरूर मर जायेगा। बड़ी बड़ी रैलियों में ओर सरकारी आयोजनों में जब कोविड 19 की कोई बाध्यता नही हे तो कुंभ स्नानों पर ऐसा क्यों किया जा रहा है। खड़खडेश्वर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश सुखीजा ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी एसओपी में बदलाव कर सरल बनाना चाहिए। जिसमें कोविड रिपोर्ट की बाध्यता को समाप्त कर बचाव लिए ठोस नीति बनाकर यात्रियों को बेरोक टोक आने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। व्यापारी भी कोरोना को लेकर चिंतित हैं। लेकिन उचित व्यवस्थाएं बनाकर स्नान होने चाहिए। बैठक में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चैरसिया, महामंत्री नाथीराम सैनी, विनोद गिरी, भुदेवप्रसाद शर्मा, राजेश शर्मा, धर्मपाल प्रजापति, अमित कुमार, रोहित भसीन, राजेश शर्मा, प्रीतम सिंह, दीपक मेहता आदि व्यापारी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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