हरिद्वार। प्रदेश के सिंचाई,बाढ नियत्रण एवं पर्यटन मंत्री सह जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने कुम्भ मेले में देव डोलियों के स्नान के सम्बंध में मेलाधिकारी दीपक रावत व अन्य के साथ प्रेमनगर आश्रम में बैठक की। उन्होंने मेलाधिकारी दीपक रावत से कहा कि देव डोलियों के स्नान के लिए समुचित व्यवस्था कराएं। जिससे कुंभ के दौरान देव डोलियों के स्नान की परंपरा को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके। उन्होंने बताया कि गढवाल व कुमाऊं से 24 अप्रैल को देव डोलियां ऋषिकेश होते हुये हरिद्वार पहुंचेंगी और 25 अप्रैल को गंगा स्नान करेंगी। मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देव डोलियों के स्नान की परंपरा बहुत प्राचीन और उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विरासत है। 150 देव डोलियां पूरे प्रदेश से कुम्भ में गंगा स्नान को हरिद्वार महाकुम्भ में आएंगी। इसको देखने के लिए आम जन में भी बहुत उत्साह रहता है। इसलिए अधिकारीगण देव डोलियों के स्नान के सम्बंधित सभी तैयारी व व्यवस्था समय रहते पूरी कर लें। बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने देव डोलियों के स्नान का बेहतर प्रबंध कराने का भरोसा दिलाया। मंत्री सतपाल महाराज ने पत्रकारों से सवाल के जवाब में कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा चिंता का विषय है, लेकिन सरकार युद्ध स्तर पर इससे निपटने के इंतजाम में लगी है। भविष्य में ऐसी स्थिति न आए इसके लिए विभिन्न पहलुओं पर सरकार विषेशज्ञों की राय पर कार्य कर रही है। बैठक में देव डोली देव संस्कृति विरासत समिति के महा सचिव बंशीधर पोखरियाल ने बताया कि करीब देव डोलियों के स्नान के लिए गढवाल व कुमाऊं से करीब सात हजार श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष डा. जयपाल सिंह चैहान, संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भटट, अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, समिति के मुख्य समन्वयक हर्षमणि व्यास, संयोजक संजय शास्त्री, मुकेश जोशी, आशाराम व्यास, विशाल मणि पैन्यूली, पंडित भास्कर डिमरी व पवन कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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