हरिद्वार। बीएचईएल हरिद्वार में हिंदी उत्सव के दौरान आयोजित विभागीय राजभाषा शील्डि, हिंदी चक्र प्रस्तुितकरण प्रतियोगिता एवं विभिन्न ऑनलाइन हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित करने हेतु पुरस्कारर वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भेल के कार्यपालक निदेशक संजय गुलाटी थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रेरणादायक भेल गीत एवं दीप प्रज्वलन के माध्यम से हुआ । समारोह को सम्बोधित करते हुए संजय गुलाटी ने कहा कि हम अपने जीवन में हिंदी का जितना अधिक प्रयोग करेंगे,हमारी संस्कृति भी उतनी ही समृद्ध बनेगी। उन्होंने हिंदी केसरल और प्रचलित शब्दों केप्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि इससे हिंदी के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी। श्री गुलाटी ने भारत सरकार एवं कॉरपोरेट कार्यालय द्वारा समय-समय पर सहज और सरल हिंदी के प्रयोग के लिए प्राप्त होने वाले दिशा-निर्देशों पर भी प्रकाश डाला। इससे पहले महाप्रबंधक(मानव संसाधन) आर. आर. शर्मा ने सभी अतिथियों एवं पुरस्कार विजेताओं का स्वागत करते हुए प्रभाग में वर्ष के दौरान आयोजित की गई। राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी वििशष्टत उपलब्धियों एवं गतिविधियों का विवरण प्रस्तुंत किया। समारोह में संजय गुलाटी एवं आर. आर. शर्मा द्वारा हिंदी उत्सव के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं एवं प्रोत्साहन योजनाओं के विजेताओं को स्मृित चिह्न तथा प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया । अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) पी.के. श्रीवास्त व ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में आयोजन को सफल बनाने वाले प्रत्येक घटक का आभार व्ययक्त किया ।समारोह का संचालन सुश्री मनीषा शर्मा तथा सुश्री आयुषी त्रिपाठी द्वारा किया गया। राष्ट्रिगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर अनेक महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी, राजभाषा विभाग के सभी सदस्य, हिंदी समितियों एवं चक्रों के अध्यअक्ष एवं सचिव तथा पुरस्कार विजेता आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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