हरिद्वार। स्वामी सानंद द्वारा उठायी गयी मांगों को लेकर मातृसदन के संत आत्मबोधानंद ने मंगलवार को अनशन (तपस्या) शुरू कर दिया है। अनशन के दौरान संत नीबू, पानी और शहद लेंगे। पिछले कई वर्षो से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन के संत एक बार फिर तपस्या पर बैठ गए हैं। मातृ सदन की ओर से कहा गया है कि गंगा में बनने वाली जल विद्युत परियोजनाओं, बांधो और खनन को लेकर मातृ सदन लगातार लड़ाई लड़ता चला आ रहा है और जिसे लेकर यहाँ के संतों ने कई बार अनशन किया है जिसमे अनशन करते हुए मातृ सदन के तीन संत अपना बलिदान भी दे चुके हैं। इस बार मातृ सदन के संत, स्वर्गीय प्रोफेसर जीडी अग्रवाल(स्वामी सानंद) द्वारा उठाई गई मांगों को लेकर ही आगे बढ़ते हुए अनशन कर रहे हैं उनके अनुसार उनकी चार मांगों में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बन रहे समस्त बांधो को निरस्त किये जाने, खनन पर रायवाला से लेकर रायघाटी तक पूर्ण प्रतिबंध, स्टोन क्रशरो को गंगा से 5 किलोमीटर दूर ओर गंगा परिषद बनाये जाने की मांगे शामिल है।मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद के अनुसार मातृ सदन के संतों के बलिदान के बावजूद सरकारें नही चेतीं हैं। उनका कहना है कि उनकी मांगों में केवल वही मुख्य मांगे हैं जिस पर सरकार ने उन्हें पूर्व में लिखित आश्वासन दे रखे हैं अगर सरकार वही पूरे कर ले तो भी इतना ही बहुत होगा। वही अनशन पर बैठे आत्मबोध आनंद ने कहा कि अभी उन्होंने केवल अन्न त्यागा है जबकि वे जल और शहद नींबू ले रहे हैं लेकिन जैसे सरकार की हठधर्मिता रहेगी उसी के अनुसार उनका अनशन भी और कठोर होता चला जाएगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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