हरिद्वार। पंचायती धड़ा फिराहेड़ियान के अध्यक्ष महेश कुमार तुंबड़िया, महामंत्री उमाशंकर वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष सचिन कौशिक ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज से भेंटवार्ता कर पौराणिक समय से कुंभ महापर्व पर प्रसिद्ध प्राचीन सिद्धपीठ गुघाल मंदिर पाण्डेवाला से कुंभ पर निकलने वाली जूना अखाड़े की पेशवाई के स्वागत को लेकर चर्चा की। इस दौरान पदाधिकारियों ने यह भी संदेह व्यक्त किया कि कुछ लोगों द्वारा पेशवाई गुघाल मंदिर से निकाले जाने पर संशय किया जा रहा है। अध्यक्ष महेश कुमार तुंबड़िया व महामंत्री उमाशंकर वशिष्ठ ने कहा कि प्रत्येक कुंभ महापर्व पर परंपरागत तरीके से जूना अखाड़े की पेशवाई गुघाल मंदिर से अखाड़े के लिए रवाना होती है। उन्होंने कहा कि ज्वालापुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग रमता पंचों का भव्य रूप से स्वागत सम्मान करते हैं। साथ ही बड़ी संख्या में संत महापुरूषों के दर्शन करने के लिए भी पहुंचते हैं। तीर्थ पुरोहित समाज काफी अर्से से संतों का मान सम्मान व स्वागत करता चला आ रहा है। जबकि हाल फिलहाल प्रेमगिरी महाराज के नेतृत्व में कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत व पंचायती धड़ा फिराहेड़ियान के पदाधिकारियों ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया था। पेशवाई मार्ग का भी निरीक्षण किया गया था। गुघाल मंदिर पाण्डेवाला का दायित्व पंचायती धड़ा फिराहेड़ियान करता चला आ रहा है। पेशवाई प्राचीन गुघाल मंदिर से ही परंपरागत तरीके से निकलनी चाहिए। कोषाध्यक्ष सचिन कौशिक ने कहा कि कुछ लोग पेशवाई को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। आदि अनादि काल से अखाड़ों की पेशवाई सबसे पहले गुघाल मंदिर से ही निकाली जाती है। इस पंरपरा को बाखुबी तीर्थ पुरोहित समाज निभात चला आ रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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