हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति की कनखल नगर अध्यक्षा रेखा नेगी ने वल्र्ड कैंसर डे के अवसर पर कहा केैंसर डे का मकसद लोगों को कैंसर की बीमारी के प्रति जागरुक करना है। कैंसर एक ऐसी भयावह बीमारी है, जिसकी चपेट में आकर हर साल हजारों लोग मौत की दहलीज पर खड़े होते हैं। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर ठीक हो जाता है। सही समय पर जांच और उपचार नहीं होने के कारण यह लाइलाज हो जाता है। ये बीमारी कई कारणों से होता है, लेकिन खानपान भी हमारे स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। इसकी बड़ी वजह है बढ़ता प्रदूषण, खाने में कीटनाशक, विटामिन डी की कमी, धूम्रपान, गुटखा खाना और बढ़े हुए वजन तो अगर जल्द ही इस पर काबू नहीं किया गया, तो बहुत जल्द कैंसर दुनियाभर में मृत्यु का बड़ा कारण बन सकता है। कैंसर के खतरे को कम करने के घरेलू उपाय इस प्रकार है। ब्रोकली खाने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। इसे माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लिवर कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। यूं तो ब्रोकली को सब्जी के रूप में या फिर सूप के रूप में लिया जा सकता है। लेकिन, ब्रोकली को उबालकर हल्का सेंधा नमक डालकर लेना बहुत फायदेमंद होता है। टमाटर को भी कई बीमारियों में सेवन करने की सलाह दी जाती है। कई अध्ययनों में भी यह बात सामने आई है कि टमाटर के सेवन से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इसमें लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर रोधी गुणों से भरपूर माना जाता है। बहुत से लोग वजन घटाने और मैटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए ग्रीन टी का सेवन करते हैं। लेकिन कहा जाता है कि इसमें कैंसर रोधी गुण भी होते हैं। ग्रीन टी में पॉलीफेनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इन्फ्लेमेशन को कम करने और कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। लहसुन का इस्तेमाल आपके घर में भी खूब किया जाता होगा। आसानी से मिलने वाली लहसुन कैंसर से लड़ने में फायदेमंद साबित हो सकती है। लहसुन में कई औषधीय गुण होते हैं जो इसे कैंसर रोधी बनाते हैं। कई अध्ययनों में यह बात सामने भी आ चुकी है। लहसुन के नियमित सेवन से कई तरह के कैंसर से बचा सकता है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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