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सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है कुंभ मेला-श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती

 हरिद्वार। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। जिसमें देश विदेश से लाखों करोड़ों श्रद्धालु हरिद्वार आगमन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। हरिद्वार मेला प्रशासन को प्रयागराज की तर्ज पर कुंभ मेले की व्यवस्थाएं लागू करनी चाहिए। भूपतवाला स्थित श्री विद्यानंद सरस्वती झारखंड आश्रम में प्रैस को जारी बयान में स्वामी विद्यानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला में कुंभ मेले से जुड़े कार्य नहीं हो पा रहे हैं। घाटों का सौंदर्यकरण और सड़कों की खस्ता हालत मेला प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। भूपतवाला क्षेत्र में कुंभ मेले के दौरान बड़ी संख्या में संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त निवास करते हैं। ऐसे में मेला प्रशासन को जल्द से जल्द सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। जिससे कुंभ मेले के दौरान आने वाले किसी भी श्रद्धालु भक्त अथवा संत महापुरुष को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे यात्री श्रद्धालु भी प्रसन्न हो और सरकार का आभार व्यक्त करें। 12 वर्षों के लंबे अंतराल के पश्चात कुंभ मेले का आयोजन होता है। करोड़ों श्रद्धालुओं भक्तों की आस्था का केंद्र कुंभ मेला भारतीय संस्कृति की अद्भुत पहचान है। जो विश्व में राष्ट्र की एकता व अखंडता को एक अलग रूप में बनाए रखता है। संत महापुरुषों एवं मेला प्रशासन के समन्वय से ही कुंभ मेला दिव्य भव्य रुप से संपन्न होगा।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।