हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के भीमगोडा की गुसाई गली में स्थित प्रख्यात धार्मिक संस्था बाबा रामदेव आश्रम चैरिटेबल समिति के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सीताशरण दास महाराज फलाहारी बाबा की नगर भ्रमण शोभायात्रा धूमधाम से गुंसाई गली खड़खड़ी भीमगोड़ क्षेत्र से निकाली गयी। श्रद्धालु भक्तों ने शोभायात्रा का फूल मालाओं व पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। गंगा पूजन के बाद बाबा रामदेव आश्रम मे वैदिक विधि विधान व मंत्रोच्चारण के साथ धर्म ध्वजा स्थापित की गयी। इस अवसर पर म.म.सीताशरण दास महाराज ने कहा कि 12 वर्षो तक तप तपस्या करके सन्त महंत महामंडलेश्वर अपने अपने मठ मन्दिर आश्रम से कुम्भ के दौरान श्रद्धालु भक्तों को दर्शन देकर उनके संकटों का हरण ओर मानव कल्याण की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने देश विदेश मे कोहराम मचाया। लेकिन भारत मे आध्यात्मिक शक्तियों ने कोरोंना के प्रकोप को कम किया है। मानव जीवन को बचाने के लिए सभी को सरकार की गाइडलाईन का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बाबा रामदेव आश्रम गुंसाई गली के सभी धार्मिक कार्यक्रम आश्रम मे ही सम्पन्न होंगे। इस अवसर पर महंत शत्रुघ्न गिरि, पंडित आचार्य विश्वनाथ झा, पंडित नंदकुमार झा, सागर शर्मा, वैभव प्रताप नारायण, अंकुर जोशी, बम मिश्रा, अमीष कुमार झा, विशाल मिश्रा, कुणाल भटट, महंत प्रमोद गिरि, सोनू गिरि, चाँद गिरि, पूर्व पार्षद लखन लाल चैहान, पार्षद कैलाश भटट, जेपी बडोनी, अभिषेक गिरि, मुन्नू गिरि, राधा देवी, शीला देवी, लालबड़ी देवी, वंदना देवी, सुमन गिरि, बबिता गिरि, किरण गिरि, रीना गिरि, राजीव गिरि, महंत मधुकांत गिरि, शिवम गिरि, अमर सैनी, आदेश पिलवान, मुकेश बेसोया, लोकेश कुमार, जयभगवान आदि ने शोभयात्रा का स्वागत किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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