हरिद्वार। होली का त्योहार लोगों में भाईचारा और गिले-शिकवे मिटाने का अवसर प्रदान करता है। सभी को हर्षोल्लास से होली का त्योहार मनाना चाहिए। जिला बार एसोसिएशन के होली मिलन समारोह में जिला जज वीबी शर्मा ने यह बातें कहीं। उन्होंने कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए होली मनाने की अपील की। शनिवार को जिला बार एसोसिएशन के सभागार में दोपहर दो बजे होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला जज वीबी शर्मा ने सभी अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को होली की बधाई दी। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार रंगों, उमंग व आपसी प्रेम और भाईचारे का त्योहार है। उन्होंने सभी लोगों से अपने आसपास साफ सफाई और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए कहा। इस दौरान सभी ने एक दूसरे को भाईचारे व सद्भाव के पर्व पर बधाई व फूलों की होली मनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलवंत सिंह चैहान व सचिव उजागर सिंह ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह,राकेश कुमार सिंह, हरदम सिंह व विजय शर्मा ने होली के त्योहार के प्रारंभ होने से लेकर आज तक के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार सिंह,स्टेट बार कौंसिल सदस्य राजकुमार चैहान व कुलदीप सिंह, डीजीसी सिविल संजीव कौशल, राकेश चैहान, सतीश चैधरी, एडीजीसी कुशल पाल सिंह चैहान, नीरज गुप्ता, प्रदीप जगता, संजय जैन, राजेश राठौर, एसके भामा, प्रभाकर गुप्ता, सुनील चैहान, अरविंद कुमार श्रीवास्तव, प्रणव बंसल, अमरीश राठौर, मोतीलाल कौशल, राजेन्द्र राजावत, दिविक चैहान, अमित चैहान, एमपीएस गिल, संजय चैहान, मनीष हटवाल, दिनेश वर्मा, अनिल प्रजापति, जिगर श्रीवास्तव, मनोज प्रालिया आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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