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हर हर महादेव,गंगा मैया की जयकारों के साथ निकली महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई

 जगह जगह विभिन्न संगठनों,मेला प्रशासन के साथ मेला पुलिस ने किया स्वागत

हरिद्वार।श्रवण कुमार झा/कमल मिश्रा- आध्यात्मिक एवं धार्मिक रंगो से सराबोर तीर्थनगरी में कुम्भ मेला 2021 में सन्यासी अखाड़ो की ओर से दिव्य और भव्य पेशवाई निकाले जाने का सिलसिला जारी है। सोमवार को महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पारम्परिक तरीके से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए भव्य पेशवाई निकाली गयी। भारी संख्या में नागा साधुओं के हर हर महादेव एवं गंगा मैया की जय के जयकारों के साथ पेशवाई दक्षेश्वर महादेव मन्दिर कनखल से प्रारम्भ होकर कनखल के विभिन्न मार्गो से होती हुई अखाड़े की छावनी में प्रवेश कर लिया। इस दौरान सुरक्षा के खास इंताजामात किये गये थे। पेशवाई में कई भव्य झाॅकियों के अलावा कई मशहूर बैण्ड बाजों की टोली लोगों को आर्कषित कर रहे थे। मेला प्रशासन और मेला पुलिस की ओर से पेशवाई का भव्य स्वागत किया गया,जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कनखल पहुचकर पेशवाई का स्वागत किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने दक्ष मंदिर पहुंचकर पेशवाई का स्वागत किया। इस दौरान जिलाधिकारी सी.रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, मेला आईजी संजय गुंज्याल आदि सहित कुंभ मेला प्रशासन व मेला पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। सन्यासी अखाड़ो की ओर से कुम्भ मेला 2021 में पेशवाई निकाले जाने के क्रम में सोमवार को कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पेशवाई निकाली गयी। दक्षेश्वर महादेव मन्दिर प्रांगण में आयोजित पूजन में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज,श्रीपंचायती निरंनजी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के साथ साथ महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज सहित बड़ी संख्या में संतगणों के अलावा अन्य श्रद्वालु शामिल हुए।
दक्ष मंदिर से शुरू हुई पेशवाई श्रीयंत्र मंदिर, जगजीतपुर बस स्टैंड, बूढ़ी माता तिराहा, संती कुंड, देशरक्षक औषधालय, कनखल थाना, सर्राफा बाजार, चैक बाजार, पहाड़ी बाजार होते हुए बंगाली मोड़ स्थित छावनी में जाकर संपन्न हुई। पूरे पेशवाई मार्ग पर सड़क के दोनों ओर नागा संयासियों के दर्शन व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे रहे। पेशवाई में शामिल युद्ध कला का प्रदर्शन का प्रदर्शन कर रहे नागा संयासी सबके आकर्षण का केंद्र रहे। हाथी, घोड़ों व ऊंटो पर सवार संत महापुरूषों के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी पेशवाई में शामिल हुए। पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े के आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी महाराज का रथ चल रहा था,उनके पीछे तकरीबन 40 से अधिक महामण्डलेश्वरो,महंतो,संतो का रथ पेशवाई का आकर्षण बढ़ा रहा था। पेशवाई के मार्ग में जगह जगह स्थानीय लोगो के अलावा व्यापारियों,सामाजिक संगठनों,धार्मिक संगठनों के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान कई स्थानों पर लोगों ने संतो से आर्शीवाद प्राप्त किए।
पेशवाई में प्रमुख रूप में वरिष्ठ महामण्डलेश्वर कमलानंद गिरि,महामण्डलेश्वर दामोदरानंद सरस्वती,महामण्डलेश्वर आत्मानंद पुरी,महामण्डलेश्वर पंचानंद भारती,महामण्डलेश्वर दिव्यानंद गिरि,महामण्डलेश्वर प्रखर जी महाराज,महामण्डलेश्वर ज्ञानेश्वरपुरी,महामण्डलेश्वर सुरेशानंद गिरि,महामण्डलेश्वर महेश्वरानंद गिरी,महामण्डलेश्वर गिरधर गिरी,महामण्डलेश्वर रामेश्वरानंद गिरि,महामण्डलेश्वर प्रेमानंद पुरी महाराज,महामण्डलेश्वर अभयानंद महाराज,महामण्डलेश्वर श्याम चेतन,महामण्डलेश्वर विद्या गिरि सहित तकरीब 40 से अधिक महामण्डलेश्र,श्रीमहंत,महंत और संतगण शामिल थे। पेशवाई में शामिल संतो का स्वागत करने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुचे।


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